क्रिकेट के खेल में आए दिन नए अजूबे देखने को मिलते हैं। पिछले कुछ सालों से एक चीज कई बार देखने को मिली है कि जिस खिलाड़ी को अपने देश से खेलने का मौका नहीं मिलता अब वो दूसरे देशों की टीम से खेलने के लिए तैयार हो जाते हैं। उदाहरण के तौर पर इंग्लैंड को पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले इयोन मॉर्गन पहले आयरलैंड के लिए खेलते थे। लेकिन इसी बीच एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल इंग्लैंड के एक दिग्गज बल्लेबाज ने अब जिम्बाब्वे की टीम से खेलने का फैसला किया है।
इस खिलाड़ी ने किया सभी को हैरान
इंग्लैंड के पूर्व टेस्ट खिलाड़ी गैरी बैलेंस ने जिम्बाब्वे क्रिकेट के साथ दो साल के करार पर हामी भरी है। वह अब अपने मूल देश के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल सकते हैं। बैलेंस का जन्म जिम्बाब्वे में हुआ था। उन्होंने इंग्लैंड के लिए कुल 16 वनडे और 23 टेस्ट खेले, जिसमें से आखिरी टेस्ट उन्होंने पांच साल पहले खेला था। पिछले साल यॉर्कशायर के नस्लवाद प्रकरण के दौरान सामने आए नुकसानदायक खुलासे के बाद 33 वर्षीय बैलेंस ने अपने करियर की नई शुरुआत करने के लिए अनुरोध किया था, जिसके बाद क्लब ने उन्हें इस हफ्ते अपने अनुबंध से इस शर्त के साथ रिलीज किया था कि वह 2023 सीजन में किसी अन्य इंग्लिश काउंटी टीम के लिए नहीं खेल पाएंगे।
5 साल बाद वापसी के लिए तैयार
जिम्बाब्वे के साथ अपने सौदे की पुष्टि के बाद बैलेंस ने कहा कि वह 'नए जुनून और उत्साह' के साथ क्रिकेट में वापसी करेंगे। 2021 सीजन के अंत के बाद से वह यॉर्कशायर के लिए नहीं खेले थे, इस दौरान वह मानसिक स्वास्थ्य ब्रेक पर थे। बैलेंस ने कहा, "मैं जिम्बाब्वे क्रिकेट से जुड़कर रोमांचित हूं और कुछ बेहतरीन कोचों और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ काम शुरू करने को लेकर उत्साहित हूं। जिम्बाब्वे का प्रतिनिधित्व करने के अवसर ने मुझे खेल के लिए एक नया जुनून और उत्साह दिया है। मैं सालों से जिम्बाब्वे क्रिकेट के कई लोगों के साथ संपर्क में रहा हूं और विशेष रूप से उनकी हाल की प्रगति काफी अच्छी रही है।"
हरारे में हुआ था जन्म
बैलेंस का जन्म हरारे में हुआ था लेकिन वह इंग्लैंड के हैरो स्कूल में पढ़े। वह 2006 में अंडर-19 विश्व कप में जिम्बाब्वे के लिए चमके। वह 2014 और 2017 के बीच इंग्लैंड के लिए नियमित रूप से खेलते रहे। उन्होंने 37.45 की औसत से रन बनाए और चार शतक जड़े, जो उस समय इंग्लैंड टीम के अन्य मध्यक्रम के बल्लेबाजों के समान थे। हालांकि पिछले साल नवंबर में वेस्टमिंस्टर में डीसीएमस संसदीय सुनवाई के दौरान अजीम रफीक ने सनसनीखेज बयान में बैलेंस पर गंभीर आरोप लगाए थे। इससे पहले यॉर्कशायर में संस्थागत नस्लवाद के आरोपों की प्रारंभिक रिपोर्ट में बैलेंस की नस्लीय गाली को 'मजाक' माना गया था।