India vs England Test Series : भारतीय टीम ने इंग्लैंड को राजकोट में खेले गए तीसरे टेस्ट में 434 रनों से हरा दिया। रनों से लिहाज से भारत की ये सबसे बड़ी टेस्ट जीत है। इतना ही नहीं, अगर टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी जीत की बात की जाए तो ये जीत टॉप 10 में आ गई है। यहां हम केवल रनों से जीत की बात कर रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि भारत की सबसे बड़ी जीत के साथ ही क्या ये इंग्लैंड की भी रनों से सबसे बड़ी हार है, इसका जवाब है, नहीं।
इंग्लैंड को मिली टेस्ट में रनों से दूसरी सबसे बड़ी हार
इंग्लैंड की रनों के लिहाज से सबसे बड़ी हार की बात की जाए तो ये साल 1934 में आई थी। जब द ओवल में खेले गए मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 562 रनों से हराया था। इसके बाद अब 434 रनों से मिली हार, उसके लिए टेस्ट क्रिकेट की रनों से दूसरी सबसे बड़ी हार है। इस हिसाब से देखें तो भारत ने वेस्टइंडीज के हाथों इंग्लैंड को मिली हार का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, जो उसे साल 1976 में मेनचेस्टर के मैदान में मिली थी। तब वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को 425 रनों से मात दी थी। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने साल 1948 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड को 409 रनों से पटकनी दी थी।
पहला टेस्ट इंग्लैंड ने 28 रन से जीता था
भारत और इंग्लैंड के बीच जब टेस्ट सीरीज शुरू हुई तो पहले ही मैच में अंग्रेजों ने कमाल का प्रदर्शन किया था और भारतीय टीम को 28 रनों से हरा दिया था। तब ये माना जाने लगा था कि ये सीरीज टीम इंडिया के लिए इतनी भी आसान नहीं होगी। जो क्रिकेट विशेषज्ञ पहले ही भारतीय टीम को 5-0 से जीता हुआ बता रहे थे, उन्होंने अपनी भविष्यवाणी में फेरबदल किया। खास तौर पर उस वक्त जब विराट कोहली ने अपना नाम वापस ले लिया था। केएल राहुल और रवींद्र जडेजा चोटिल हो गए थे। भारतीय टीम युवा खिलाड़ियों के बल पर इंग्लैंड से मुकाबला कर रही थी। लेकिन इन्हीं युवा खिलाड़ियों ने अंग्रेजों को चारो खाने चित्त कर दिया।
टीम इंडिया के युवा खिलाड़ियों ने किया प्रभावित
खास तौर पर अपनी डेब्यू सीरीज खेल रहे सरफराज खान ने, जिन्होंने पहले ही मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक लगाए। उधर रजत पाटीदार, ध्रुव जुरैल ने भी प्रभावित किया और यशस्वी जायसवाल तो अपने आप को पहले ही साबित कर चुके थे। इस वक्त रोहित शर्मा, रवि चंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह को छोड़ दिया जाए तो बाकी पूरी की पूरी टीम बिल्कुल नई नवेली नजर आ रही है। वहीं इंग्लैंड युवा और अनुभवी खिलाड़ियों के साथ भारत के दौरे पर आई है। दूसरे और तीसरे मैच भारतीय टीम ने एकतरफा अंदाज में जीते हैं। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि चौथे मुकाबले में अब रांची में फिर से इन दोनों टीमों का आमना सामना होगा कि कौन सी टीम भारी पड़ती है।
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