पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन रमीज राजा ने रावलपिंडी की पिच को बेजान बताया। उन्होंने कहा कि यह पिच टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छी नहीं है। इसमें बड़े स्कोर भले ही बन जाएं पर रिजल्ट नहीं आ सकता। दो दिनों के बाद ही इंग्लैंड की टीम ने उसी पिच पर पाकिस्तान को करारी शिकस्त देकर रमीज राजा को गलत साबित कर दिया। इंग्लैंड ने खेल के पांवें दिन अंतिम सेशन में 74 रन से हरा दिया। यह पाकिस्तानी बोर्ड के मुंह पर तमाचा से ज्यादा इंग्लैंड की जबरदस्त जीत थी जिसे टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स ने विदेशी जमीन पर इंग्लैंड को मिली सबसे बड़ी जीतों में से एक बताया।
बेजान पिच पर जीत दर्ज करके इंग्लैंड ने पाकिस्तान को चेताया
इंग्लैंड की इस जीत ने बताया कि रावलपिंडी जैसी पिच भी रिजल्ट दे सकती है। दरअसल कोई बी पिच उतनी ही बोरिंग या बेजान होती जितना उसपर खेलने वाले खिलाड़ियों का अंदाज होता है। स्टोक्स ने कहा कि उनकी टीम उप महाद्वीप में नीरस और बोरिंग क्रिकेट खेलने नहीं आई है। स्टोक्स ने कहा कि टीम का लक्ष्य रोमांचक क्रिकेट खेलना है। बता दें कि इंग्लैंड ने बाबर आजम की टीम को टेस्ट के पांचवें दिन 74 रन से हराकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है।
स्टोक्स ने कहा, "हमारी यहां ड्रॉ खेलने की कोई मंशा नहीं है। हम पाकिस्तान में रोमांचक क्रिकेट को आगे बढ़ाने के मकसद से आए हैं और हमारी टीम इस उद्देश्य में सफल रही है।"
स्टोक्स ने पाकिस्तान के लिए बजाई खतरे की घंटी
स्टोक्स का ये बयान दरअसल पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी है। पीसीबी चीफ भले ही ड्रॉप इन पिचों की पैरवी कर रहे हों पर सच तो यह है कि पाकिस्तान डेड पिचों पर भी सुरक्षित नहीं है। रावलपिंडी की डेड और बैटिंग फ्रेंडली पिच पर पांच दिनों के भीतर इंग्लैंड ने जीत दर्ज करके साबित कर दिया है कि तीन मैच की इस टेस्ट सीरीज में पाकिस्तान की और दुर्गति हो सकती है।
पाकिस्तान की हार से टूटे कई रिकॉर्ड
यह पहला ऐसा टेस्ट मैच है जिसमें दोनों टीमों ने पहली पारी में 550 से ज्यादा रन बनाए इसके बावजूद मैच का नतीजा निकला। इससे पहले 15 बार दोनों टीमों ने अपनी पहली पारी में 550 से ज्यादा रन बनाए हैं लेकिन वह सभी मैच ड्रॉ रहे। इस मैच में कुल 1768 रन बने जो नतीजे पर पहुंचने वाले किसी भी टेस्ट मैच के लिए सबसे बड़ा स्कोर है। इससे पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 1921 में एडिलेड में खेले गए टेस्ट के नाम था जहां कुल 1753 रन बने थे।
दूसरा सर्वाधिक रन बनाकर हारने वाली टीम बना पाकिस्तान
पाकिस्तान को इस टेस्ट मैच में 847 रन बनाने के बावजूद हार मिली। यह मैच हारने वाली किसी भी टीम के द्वारा बनाए गया दूसरा सर्वाधिक रन हैं। इंग्लैंड ने 1948 के लीड्स टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार में कुल 861 रन बनाए थे। इसके अलावा पाकिस्तान के पहली पारी में बनाए गए 579 रन टेस्ट मैच में हारने वाली किसी भी टीम का तीसरा सर्वोच्च स्कोर है।
इंग्लैंड ने चौथे दिन टी ब्रेक में 342 रनों की बढ़त बनाने के बाद अपनी पारी घोषित की। यह मैच में कम से कम चार सेशन रहते किसी भी टीम के द्वारा पारी घोषित करने पर बनाई गई पांचवीं सबसे कम बढ़त है।
इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने चौथी पारी में 9 विकेट चटकाए। इससे पहले केवल एक बार किसी मेहमान टीम के तेज गेंदबाजों ने एशिया में टेस्ट मैच की चौथी पारी में उनसे ज्यादा विकेट लिए हैं। 1983 के अहमदाबाद टेस्ट में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों ने चौथी पारी में सभी 10 विकेट अपने नाम किए थे।
ये तमाम आंकड़े और इंग्लैंड के खेलने का अंदाज बताते हैं कि पाकिस्तान किसी भी पिच पर कैसा भी प्रदर्शन करके इस सीरीज में खुद को सुरक्षित नहीं मान सकता। मैच का नतीजा निकलने के बाद हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तानी बोर्ड या टीम मैनेजमेंट अब इसका ठीकरा पिच पर भी नहीं फोड़ सकते।