ऑस्ट्रेलिया के स्टार सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर पिछले कुछ समय से अपने करियर को लेकर सुर्खियों में हैं। उनका बल्ला लंबे समय से कुछ खास कमाल नहीं कर पाया है। भारत के खिलाफ मौजूदा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की भी तीन पारियों में वह सिर्फ 1, 10 और 15 का स्कोर ही बना सके। इसके बाद दिल्ली टेस्ट की दूसरी पारी से पहले ही वह बाहर हो गए और स्वदेश लौट गए। उन्होंने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया पहुंचकर सिडनी एयरपोर्ट पर अपने करियर को लेकर बयान दिया था और 2024 तक व्हाइट बॉल क्रिकेटर और आगामी एशेज सीरीज में खेलने की इच्छा जताई थी। अब उनके करियर के दुखद अंत का डर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पॉन्टिंग को सताने लगा है।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग को डर है कि खराब फॉर्म से जूझ रहे डेविड वॉर्नर पर एशेज सीरीज से बाहर होने का खतरा है और लंबे समय से बल्ले से नाकाम रहने के बाद उनके टेस्ट करियर का दुखद अंत भी हो सकता है। पॉन्टिंग को लगता है कि वॉर्नर इंग्लैंड के दौरे पर जाने वाली एशेज टीम में जगह पाने के लिए संघर्ष करेंगे और उनका टेस्ट करियर शायद उनकी शर्तों पर खत्म नहीं होगा। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 2019 में पिछले इंग्लैंड दौरे पर सिर्फ 9.5 के औसत से रन बनाए थे। यह भी एक कारण उनको टीम से दूर रखने के लिए काफी हो सकता है। इसी को लेकर पॉन्टिंग ने कई बातें कहीं हैं।
पॉन्टिंग को सता रहा यह डर
पॉन्टिंग ने ‘आरएसएन क्रिकेट’ से बात करते हुए कहा कि, मैंने उन्हें अपने चक्र के बारे में बात करते हुए सुना है। मौजूदा चक्र विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के बाद समाप्त हो जाएगा जो स्पष्ट रूप से पहले एशेज टेस्ट से एक सप्ताह पहले है और मुझे लगता है कि सब कुछ ठीक रहा तो वह कम से कम इस टेस्ट मैच के अंत तक डेविड को अपने साथ रखना चाहते हैं। हालांकि यह उन पर निर्भर करेगा। एक बल्लेबाज के रूप में आप सिर्फ रन ही बना सकते हैं और अगर आप रन नहीं बनाते तो मुश्किल स्थिति में फंस जाते हैं। यह हम सभी के साथ हुआ है, यह मेरे साथ भी हुआ है। जब आप एक निश्चित उम्र तक पहुंच जाते हैं और ऐसा लगता है कि आपका फॉर्म थोड़ा सा गिर रहा है, तो आलोचक हावी हो जाते हैं और फिर ज्यादा समय नहीं लगता।
उस मैच के बाद वॉर्नर को छोड़ देना चाहिए था टेस्ट क्रिकेट...
रिकी पॉन्टिंग ने आगे कहा कि, उनको लगता है कि वॉर्नर को मेलबर्न में साउथ अफ्रीका के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट में दोहरा शतक बनाने के बाद टेस्ट क्रिकेट छोड़ देना चाहिए था जो उनका 100वां मैच भी था। या फिर सिडनी में अपने घरेलू मैदान पर खेले गए अगले मैच के बाद उन्हें ऐसा करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि, वह जिस तरह चाहते थे उस तरह खत्म करने के लिए मेरे हिसाब से शायद सिडनी टेस्ट के बाद उन्हें ऐसा करना चाहिए था। उन्होंने मेलबर्न में 200 रन बनाए, अपना 100वां टेस्ट खेला, अपना 101वां टेस्ट सिडनी में खेला जो उनके घरेलू मैदान पर था और शायद वहीं उन्हें अपने टेस्ट करियर को खत्म कर देना चाहिए था।
डेविड वॉर्नर के टेस्ट करियर की बात करें तो उन्होंने 103 मैचों की 187 पारियों में 8158 रन बनाए हैं। उनके नाम इस फॉर्मेट में 25 शतक और 34 अर्धशतक दर्ज हैं। उनका बेस्ट टेस्ट स्कोर 335 रन नाबाद है। वहीं वनडे में वॉर्नर ने 141 मैचों की 139 पारियों में 6007 रन बनाए हैं। टी20 इंटरनेशनल में भी वॉर्नर 99 मैच खेलकर 2894 रन ऑस्ट्रेलिया के लिए बना चुके हैं। वह मौजूदा समय में ऑस्ट्रेलिया के सबसे सीनियर खिलाड़ियों में से एक हैं। 36 वर्षीय वॉर्नर ने 2009 में अपना इंटरनेशनल डेब्यू टी20 फॉर्मेट से ही किया था।