Highlights
- वर्ल्ड कप 2023 से बीसीसीआई को हो सकता है नुकसान
- टैक्स सरचार्ज में रियायत नहीं मिलने पर होगा बड़ा नुकसान
- केंद्र सरकार से टैक्स सरचार्ज में रियायत की परंपरा नहीं
Cricket World Cup 2023: वर्ल्ड क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट वनडे वर्ल्ड कप को माना जाता है। अगले साल होने वाले 50 ओवर के वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत को करना है। यानी 2023 में भारत विश्व के सबसे बड़े स्पोर्टिंग डेस्टिनेशन में से एक होगा। जाहिर है इससे देश का बड़ा फायदा होगा लेकिन इतने बड़े मेगा इवेंट को होस्ट करने वाली संस्था को इससे बड़ा चूना लग सकता है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के आयोजन से बड़ा नुकसान हो सकता है।
बीसीसीआई की तिजोरी को हो सकता है नुकसान
बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। वर्ल्ड क्रिकेट 50 फीसदी राजस्व बीसीसीआई पैदा करती है। लेकिन 2023 में होने वाला वर्ल्ड कप उसके रसूख को कम कर सकता है। अगले साल होने वाले वनडे वर्ल्ड कप के मैचों के टीवी ब्रॉडकास्ट का अधिकारी आईसीसी के पास होता है। इस रेवेन्यू पर भारत की केंद्र सरकार टैक्स सरचार्ज लगाने का फैसला कर चुकी है। अगर आईसीसी के ब्रॉडकास्ट रेवेन्यू पर 21 .84 फीसदी टैक्स सरचार्ज लगाने के अपने फैसले पर केंद्र सरकार अडिग रहती है तो बीसीसीआई को करीब 955 करोड़ रूपए का नुकसान हो सकता है।
क्या होता है टैक्स सरचार्ज?
टैक्स सरचार्ज का मतलब है शुरूआती कीमत से अलग किसी वस्तु या सेवा पर एक्स्ट्रा फीस या टैक्स लगाना। यह आम तौर पर मौजूदा टैक्स में जोड़ा जाता है और किसी वस्तु या सेवा की दिखाई गई कीमत में शामिल नहीं होता।
भारत में टैक्स सरचार्ज में रियायत की परंपरा नहीं
आईसीसी के चलन के अनुसार मेजबान देश को सरकार से ग्लोबल टूर्नामेंटों के आयोजन के लिए टैक्स में रियायत लेनी होती है। भारत के कर नियमों में इस तरह की छूट का प्रावधान नहीं है। 2016 में टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी में भी बीसीसीआई को ऐसी छूट नहीं मिली थी और उसे 193 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ था। यह मामला अभी आईसीसी ट्रिब्यूनल में लंबित है।
बीसीसीआई टैक्स सरचार्ज घटाने का कर रही प्रयास
भारतीय बोर्ड को 2023 के अक्टूबर नवंबर में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए अप्रैल 2022 तक आईसीसी को कर छूट के बारे में बताना था। हालांकि आईसीसी ने बाद में समय सीमा बढाकर 31 मई कर दी थी लेकिन बीसीसीआई अब तक कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं पहुंची है। बीसीसीआई ने इस वित्तीय वर्ष की शुरूआत में आईसीसी को बताया था कि 10 प्रतिशत टैक्स (सरचार्ज के अलावा) देना पड़ सकता है। अगर 21 .84 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ा तो आईसीसी से बोर्ड के राजस्व पर इसका खराब असर पड़ेगा।
टैक्स सरचार्ज कम होने पर भी होगा नुकसान
बीसीसीआई टैक्स सरचार्ज मौजूदा 21 .84 प्रतिशत से घटाकर 10.92 प्रतिशत लाने के लिए बातचीत कर रही है। अगर ऐसा हो पाता है तो उसे राजस्व में 430 करोड़ रूपए का नुकसान होगा। आईसीसी के 2016 से 2023 के बीच के रेवेन्यू पूल में बीसीसीआई का हिस्सा करीब 3336 करोड़ रूपए है। आईसीसी को भारत में 2023 में होने वाले इस टूर्नामेंट के प्रसारण से 4400 करोड़ रूपये रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है।