भारतीय क्रिकेट टीम के लिए साल 2021 और 2022 कुछ खास नहीं रहे। इन दोनों ही सालों में टीम इंडिया का टी20 वर्ल्ड कप में खराब प्रदर्शन देखने को मिला था। इसके अलावा 2022 एशिया कप में भी टीम इंडिया का लचर प्रदर्शन दुनिया के सामने आया। ऑस्ट्रेलिया में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जैसे-तैसे पहुंची टीम इंडिया को इंग्लैंड के हाथों 10 विकेट से करारी हार मिली और टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा। इसके बाद कई सवाल उठे, टीम मैनेजमेंट की आलोचना हुई। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) निश्चित ही प्रेशर में था और ऐसे में सबसे बड़ा कदम उठाया गया चेतन शर्मा की अध्यक्षता वाली सेलेक्शन कमेटी को बर्खास्त करने का।
एक्शन या औपचारिकता?
टीम सेलेक्शन और टीम के बैलेंस पर अक्सर पिछले कुछ समय से सवाल उठ रहे थे। कभी भी किसी खिलाड़ी को बाहर करना और कभी भी किसी खिलाड़ी को मौका देना, ऐसी कई बातें लगातार चर्चा का विषय थीं। इन सबके बीच निशाने पर थी सेलेक्शन कमेटी जिसे वर्ल्ड कप की हार के बाद बर्खास्त कर दिया गया था। नए आवेदन मांगे गए, नए नाम सामने आए। काफी अटकलें थीं अजीत अगरकर, वेंकटेश प्रसाद, अजय रात्रा जैसे बड़े नामों पर भी। नवंबर में लिए गए एक्शन के तकरीबन दो महीने बाद 7 जनवरी को आखिरकार रिएक्शन सामने आया। नई चयन समिति का चुनाव कर लिया गया। लेकिन इन नामों को पढ़ने के बाद हर किसी के दिमाग में एक ही सवाल उठ रहा है कि, यह एक्शन था या महज औपचारिकता?
बीसीसीआई की क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी (CAC) जिसमें मौजूद सुलक्षना नायक, अशोक मल्होत्रा और जतिन परांजपे ने शनिवार 7 जनवरी को नई सेलेक्शन कमेटी के लिए पांच नामों को फाइनल किया। इन पांच में से चार नाम तो अलग थे लेकिन चीफ सेलेक्टर के लिए जो नाम कमेटी ने दिया उसे देखकर शायद कई क्रिकेट फैंस और क्रिकेट पंडित चौक जाएंगे। दरअसल कमेटी ने चेतन शर्मा का नाम उनके लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए बतौर चीफ सेलेक्टर आगे बढ़ाया। इसी के बाद यह सवाल अब उठ रहा है कि, अगर बीसीसीआई को चेतन शर्मा को बरकरार रखना ही था तो इतना लंबा प्रोसेस किस लिए किया गया। आलोचनाओं को रोकने के लिए यह था या फिर बोर्ड चेतन शर्मा के आगे झुक गया?
कमेटी तो बदली पर बॉस नहीं बदला...
यह बिल्कुल ठीक उसी तरह लग रहा है कि, आपने सिर्फ कमेटी के अन्य चेहरों को हटाने के लिए क्रिकेट की दुनिया की आंखों में धूल झोंक दी। हर किसी की वर्ल्ड कप के बाद मांग थी कि चयन समिति को बदला जाए, चीफ सेलेक्टर को बदला जाए क्योंकि टीम के बैलेंस और टीम के कॉम्बिनेश पर लगातार कई सवाल उठ रहे थे। हर किसी को उम्मीद थी कि नवनियुक्त अध्यक्ष रोजर बिन्नी की अध्यक्षता में कुछ अहम बदलाव देखने को भी मिलेंगे। लेकिन जो हुआ वो शायद ही किसी ने सोचा होगा। इससे यही नजर आता है कि, क्या बीसीसीआई को चेतन शर्मा का कोई विकल्प नहीं मिला? क्या भारतीय क्रिकेट इतिहास से दिग्गजों के नाम कम हो गए हैं? सोशल मीडिया पर भी बीसीसीआई के इस फैसले के बाद कई प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
सीएसी द्वारा चुनी गई नई सेलेक्शन कमेटी में शिव सुंदर दास, सुब्रतो बनर्जी, सलिल अंकोला और श्रीधरन शरत को जगह मिली है। जबकि इस कमेटी के बॉस यानी चीफ के तौर पर चेतन शर्मा का नाम ही दूसरे कार्यकाल के लिए दिया गया। चेतन शर्मा पर पिछले 2-3 सालों में कई सवाल टीम के चयन को लेकर उठे हैं। चाहें मोहम्मद शमी की अचानक एक साल बाद सीधे टी20 वर्ल्ड कप में वापसी हो वो भी तब जब उन्होंने पूरे साल एक भी टी20 ना खेला हो। या फिर खिलाड़ियों को लगातार ब्रेक देना, वर्कलोड मैनेज करने में विफल होना और खिलाड़ियों का इंजर्ड होना। इन सभी मुद्दों पर चेतन शर्मा लगातार घिरते आए हैं।
टीम की प्लानिंग में कंफ्यूजन...
बतौर चीफ सेलेक्टर आपकी ही जिम्मेदारी होती है कि आपको खिलाड़ियों को किस तरह मैनेज करना है और किस तरह रोटेट करना है। संजू सैमसन का ही उदाहरण ले लीजिए टी20 वर्ल्ड कप तक वह लगातार वनडे टीम का हिस्सा थे लेकिन अब जब बारी वनडे वर्ल्ड कप की है तो आपने उन्हें टी20 टीम का मेंबर बना दिया। इससे साफ पता चलता है कि आपकी प्लानिंग में ही कंफ्यूजन है। आप दूरदर्शिता के मामले में क्या कर रहे हैं यह बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं हो रहा है। इसका कारण लगातार अलग-अलग फॉर्मेट के टूर्नामेंट भी हो सकते हैं लेकिन चयन समिति का रोल भी इसमें काफी अहम होता है।
फिलहाल बीसीसीआई ने फैसला ले लिया है और चयन समिति के भी नाम सीएसी ने फाइनल कर दिए हैं। अब देखना होगा कि आगामी न्यूजीलैंड सीरीज, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी, एशिया कप 2023 और फिर वनडे वर्ल्ड कप जैसे बड़े मौकों के लिए टीम के चयन में कुछ नया दिखता है या फिर वही पुरानी स्टोरी लाइन एक बार फिर से टीम इंडिया के अंदर देखने को मिलती है। चेतन शर्मा और उनकी नई टीम आने वाले समय में कितना खरी उतरती है यह भी देखने वाली बात होगी। हालांकि, इस नई टीम के आगे चुनौतियां भी कम नहीं होने वाली हैं। वो पिछले कार्यकाल की खराब प्लानिंग कह लें या फिर आने वाले अहम सीजन का प्रेशर दोनों ही अहम होने वाले हैं।