चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी इस बार पाकिस्तान के हाथों में है। टूर्नामेंट को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। बीसीसीआई ने कुछ दिनों पहले आईसीसी को इस बात की जानकारी दी थी कि वह चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया को पाकिस्तान का दौरा नहीं करने देंगे। जिसके बाद से आईसीसी और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के बीच लगातार चर्चा हो रही है। इसी बीच एक संभावित सफलता सामने आई है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और आईसीसी इस बात को लेकर राजी हो गए हैं कि 2027 तक भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में खेले जाने वाले टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में खेले जाएंगे।
ये तीन टूर्नामेंट होंगे प्रभावित
ईएसपीएनक्रिकइंफो के रिपोर्ट के अनुसार पीसीबी और आईसीसी के बीच समझौता हो गया है, लेकिन पीसीबी ने इस पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है। उन्होंने सिर्फ इतना बताया है कि चर्चाएं जारी हैं। हालांकि अभी इस बात को लेकर कोई जानकारी नहीं है कि यह हाइब्रिड मॉडल मेंस और वुमेंस दोनों क्रिकेट पर लागू होंगे या नहीं। अगर यह दोनों पर लागू होते हैं तो, साल 2025 से लेकर साल 2027 तक दोनों देशों में कुल तीन आईसीसी टूर्नामेंट खेले जाने हैं। जिसमें फरवरी 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान के हाथों में हैं। वहीं 2025 के अंत में भारत में महिला वनडे वर्ल्ड कप और 2026 में मेंस टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन भारत में किया जाएगा। हालांकि टी20 वर्ल्ड कप में श्रीलंका भी भारत के साथ-साथ सह मेजबान है। ऐसे में यह तीनों बड़े टूर्नामेंट इस समझौते के कारण प्रभावित हो सकते हैं।
इस दिन होगा फैसला
आईसीसी के नए अध्यक्ष जय शाह और पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी के बीच इस मुद्दे को लेकर 05 दिसंबर को मीटिंग हुई, लेकिन फिर भी कोई सटीक फैसला अभी तक नहीं लिया जा सका है। अब चैंपियंस ट्रॉफी पर चर्चा के लिए बोर्ड की बैठक 7 दिसंबर को निर्धारित की गई है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने हाइब्रिड मॉडल के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए भी आईसीसी को कहा था, लेकिन आईसीसी ने पीसीबी के इस शर्त को नहीं माना है। रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि अगर टीम इंडिया नॉकआउट में पहुंच जाती है तो, भारत में नॉकआउट मैच पाकिस्तान के बाहर खेले जाएंगे। हाइब्रिड मॉडल के अनुसार भारत के सभी मैच यूएई या श्रीलंका में खेले जा सकते हैं। रिपोर्ट्स में कही गई बातें अगर सच होती हैं को इससे भारत और बीसीसीआई को भी नुकसान है। भारत में खेले जाने वाले टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल पर खेले जाएंगे। ऐसे में रेवेन्यू का नुकसान होगा।
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