अक्सर आपने देखा होगा कि भारत की सीनियर टीम जिस देश का दौरा करती है, उससे पहले भारत की जूनियर टीम यानी इंडिया ए की टीम भी वहां रेड बॉल सीरीज खेलती है। हाल ही में बांग्लादेश दौरे पर ऐसा देखने को मिला था जहां टीम इंडिया ने 3 वनडे और दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली थी। उससे पहले से ही जूनियर टीम बांग्लादेश ए के साथ सीरीज खेल रही थी। उससे पहले 2021-22 के साउथ अफ्रीका दौरे पर भी ऐसा देखने को मिला था। तो इस तरह के जो टूर या दौरे होते हैं उन्हें 'शैडो टू' (Shadow Tour) कहा जाता है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अभी फिलहाल इस तरह के दौरों पर रोक लगा दी है और उसका कारण है इस साल होने वाला वनडे वर्ल्ड कप जो भारत में ही होना है।
भारतीय बोर्ड और टीम मैनेजमेंट का अभी ध्यान घरेलू धरती पर होने वाले 2023 वनडे विश्व कप पर लगा है, तो इसी कारण भारत ए टीम के साथ होने वाले ‘शैडो टूर’ को साल के अंत में साउथ अफ्रीका के दौरे तक इंतजार करना होगा। आपको बता दें कि यह ‘शैडो टूर’ का विचार तब बोर्ड के अंदर आया था जब राहुल द्रविड़ राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) प्रमुख बने थे। आखिरी बार पिछले साल दिसंबर में भारत ए की टीम ने बांग्लादेश का दौरा किया था जिसके बाद टेस्ट टीम को दो मैच खेलने थे। उसी टीम से मुकेश कुमार जैसे खिलाड़ियों को प्रमुख स्क्वॉड में भी बाद में शामिल किया गया था।
कब शुरू होंगे शैडो टूर?
बीसीसीआई के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर इसको लेकर बातचीत की और बताया कि, इस साल डब्ल्यूटीसी (विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप) फाइनल के अलावा विश्व कप तक ध्यान वनडे क्रिकेट पर ही होगा। इसलिए रेड बॉल मैचों के लिये ए टीम के दौरे यानी शैडो टूर नवंबर के बाद ही हो सकते हैं। दिसंबर-जनवरी में भारतीय अगले डब्ल्यूटीसी साइकिल में साउथ अफ्रीका का टेस्ट दौरा करेगा। पूरी संभावना है कि भारत ए का ‘शैडो टूर’ इससे पहले बहाल हो जाएगा। फिलहाल बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद और वनडे विश्व कप से पहले भारतीय टीम केवल तीन टेस्ट मैच ही खेलेगी जिसमें ओवल में एक संभावित डब्ल्यूटीसी फाइनल और जुलाई-अगस्त में अगले डब्ल्यूटीसी साइकिल के लिए वेस्टइंडीज में दो टेस्ट शामिल हैं।
इस साल भारतीय टीम की होगी परीक्षा
पिछले साल पूरा क्रिकेट जगत टी20 मोड में था। टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का प्रदर्शन भी अच्छा रहा था बस सेमीफाइनल को छोड़ दें तो जिसमें इंग्लैंड ने 10 विकेट से हराया था। अब इस साल बारी है वनडे और टेस्ट की चुनौती की। जून में जहां टेस्ट चैंपियनशिप के दूसरे संस्करण का फाइनल होना है। वहीं उसके बाद वनडे एशिया कप और वनडे वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट खेले जाएंगे। इस बार वर्ल्ड कप भारत में है तो प्रेशर निश्चित ही होम टीम पर भी होगा। इससे पहले 2011 में जब भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने संयुक्त रूप से विश्व कप की मेजबानी की थी तब चैंपियन टीम इंडिया बनी थी। फाइनल मुकाबला मुंबई के वानखेड़े और सेमीफाइनल मुकाबला मोहाली में भारतीय टीम ने खेला था। अब इस बार देखना होगा की टीम इंडिया क्या 2013 के बाद से पिछले 10 साल का आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म कर पाती है या नहीं।