BCCI Selection Committee: भारतीय क्रिकेट में नए साल में बड़े स्तर पर बदलाव होने की उम्मीद है। इसकी एक झलक साल के पहले दिन ही बीसीसीआई की तरफ से बुलाई गई रिव्यू मीटिंग में देखने को मिली। भारतीय बोर्ड की इस बैठक में खिलाड़ियों के चयन के लिए योयो टेस्ट को अनिवार्य कर दिया गया। जबकि साल के अंत में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप के लिए 20 खिलाड़ियों के नामों को भी शॉर्टलिस्ट किया गया। इसके बाद अब बीसीसीआई की नजर भारतीय पुरुष टीम के लिए नए चयनकर्ता की तलाश पर टिकी हुई है, जिसके लिए इंटरव्यू प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
अशोक मल्होत्रा की अगुआई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने सोमवार को राष्ट्रीय टीम के चयनकर्ता पद के करीब 12 आवेदकों के साक्षात्कार किए। इस दौरान सभी आवेदकों से कई गंभीर सवाल पूछे गए। इसमें भविष्य की योजना जैसे रोहित शर्मा के बाद टीम की कप्तानी, विकेटकीपिंग में ऋषभ पंत के विकल्प के अलावा अंडर 19 टीम के खिलाड़ियों और युवा स्पिनरों की भूमिका को लेकर कई सवाल पूछे गए। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र के मुताबिक सीएसी ने उम्मीदवारों से निम्नलिखित सवाल पूछे।
- रोहित शर्मा की कप्तानी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सभी प्रारूपों में तीन साल की नेतृत्व योजना क्या होनी चाहिए?
- आने वाले समय के लिए वह कौन से स्पिनर है जो सभी प्रारूपों में टीम का प्रतिनिधित्व कर सकता है?
- 2022 अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम में क्या कोई ऐसा खिलाड़ी है जिसे राष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार है?
- ऋषभ पंत की अनुपस्थिति में क्या कोना भरत के अलावा विकेटकीपिंग के लिए कोई अन्य विकल्प हो सकता है, जिसे टेस्ट में आजमाया जा सकता है?
रविवार को बोर्ड की समीक्षा बैठक में भाग लेने वाले चेतन शर्मा सीनियर राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष फिर बन सकते हैं। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई को बताया, "चेतन अध्यक्ष पद के लिए पसंदीदा हैं और हरविंदर (सिंह) भी साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुए। इसलिए उत्तर और मध्य क्षेत्र ने इनके चुने जाने की संभावना प्रबल है। जूनियर चयन समिति के अध्यक्ष एस शरत को भी बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों द्वारा आवेदन करने के लिए कहा गया था। वह युवा प्रतिभा के बारे में अच्छी समझ रखते है।"
पूर्व सलामी बल्लेबाज एसएस दास, पूर्वी क्षेत्र के का प्रतिनिधित्व के लिए मजबूत उम्मीदवार है जबकि गुजरात के मुकुंद परमार पश्चिम क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर सकते है। पता चला है कि बीसीसीआई इस बार किसी भ्रम की स्थिति से बचने के लिए चयनकर्ताओं को सिर्फ एक साल का करार देगी। सूत्र ने कहा, "विश्व कप पर ध्यान देते हुए इस बार एक साल का अनुबंध होगा।"