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BCCI Age Software: बीसीसीआई उम्र की धोखाधड़ी रोकने के लिए इस सॉफ्टवेयर का करेगा इस्तेमाल, खर्चे में होगी भारी कटौती

BCCI Age Software: बीसीसीआई ने अगस्त 2020 में अपने पंजीकृत खिलाड़ियों के लिए सही आयु बताने की एक स्वैच्छिक योजना शुरू की थी।

Reported By : PTI Edited By : Rajeev Rai Published : Jul 23, 2022 16:33 IST, Updated : Jul 23, 2022 16:33 IST
BCCI, indian cricket team
Image Source : PTI BCCI

BCCI Age Software: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) खिलाड़ियों द्वारा होने वाली उम्र धोखाधड़ी को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई बरतने की मूड में नहीं है। यही कारण है कि बीसीसीआई ने अगस्त 2020 में अपने पंजीकृत खिलाड़ियों के लिए सही आयु बताने की एक स्वैच्छिक योजना शुरू की थी और साथ ही साथ उसने उम्र की धोखाधड़ी करने वाले क्रिकेटरों को दो साल के लिए प्रतिबंधित करने का प्रावधान भी किया था। 

बीसीसीआई आयु धोखाधड़ी के लिए शून्य सहिष्णुता की अपनी नीति के तहत हर महत्वपूर्ण कदम उठाने का प्रयास कर रही है। इसे एक कदम आगे बढ़ाने और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए वह प्रायोगिक तौर पर उम्र धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए मौजूदा 'टीडब्ल्यूथ्री' पद्धति के साथ एक सॉफ्टवेयर का उपयोग करने की तैयारी में है। इसका उद्देश्य नतीजे को तुरंत प्राप्त करने के साथ-साथ लागत में 80 प्रतिशत तक की बचत करना है। 

खर्चीली है टीडब्ल्यूथ्री पद्धति

बीसीसीआई फिलहाल उम्र निर्धारण के लिए 'टीडब्ल्यूथ्री' पद्धति (बाएं हाथ और कलाई के एक्स-रे पर आधारित) का उपयोग करता है। वर्तमान पद्धति में हर परीक्षण की लागत 2400 रुपये है और इसके परिणाम आने में तीन से चार दिन का समय लगता है जबकि 'बोनएक्सपर्ट सॉफ्टवेयर' का प्रस्तावित उपयोग तात्कालिक परिणाम देगा और लागत केवल 288 रुपये होगी। 

लंबी प्रक्रिया का होता है पालन

पूरी प्रक्रिया की व्याख्या करते हुए बीसीसीआई के नोट में कहा गया कि आयु की पुष्टि के लिए बीसीसीआई पर्यवेक्षक की उपस्थिति में खिलाड़ियों की कलाई का एक्स-रे कराता है और फिर राज्य क्रिकेट संघ एक्स-रे कॉपी को बीसीसीआई एवीपी (आयु सत्यापन विभाग) के पास भेजता है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई एवीपी उसे अपने पैनल के दो स्वतंत्र रेडियोलॉजिस्ट को भेजता है। रेडियोलॉजिस्ट इसका आकलन कर अपनी रिपोर्ट बीसीसीआई को सौंपता है और इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय लगता है। 

38 राज्य संघों के खिलाड़ियों की निगरानी के लिए बीसीसीआई के पास चार रेडियोलॉजिस्ट है। इसके मुताबिक, "बोर्ड प्रयोग पर राज्य संघों के साथ काम करेगा। बोर्ड हालांकि अपने डेटाबैंक में सीमित संख्या में एक्स-रे पर चल रहे परीक्षण डेटा से संतुष्ट हैं, फिर भी हम इससे पूरी तरह संतुष्ट होने के लिए सभी संघों में बड़ी संख्या में एक्स-रे (लगभग 3800) के साथ सॉफ्टवेयर की जांच करना चाहते है।" 

रसिख सलाम पर लगा चुका है बैन

गौरतलब है कि बीसीसीआई के अंतर्गत आने वाले टूर्नामेंट में कई बार आयु वर्ग के टूर्नामेंटों में कई बार धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। जून 2019 में, जम्मू और कश्मीर के तेज गेंदबाज रसिख सलाम को गलत जन्म प्रमाण पत्र जमा करने का दोषी पाए जाने के बाद दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। इससे पहले अंडर-19 विश्व कप स्टार मंजोत कालरा, कोलकाता नाइट राइडर्स और दिल्ली के बल्लेबाज अंकित बावने उन क्रिकेटरों में शामिल हैं जिन्हें अपनी उम्र छुपाने का दोषी पाया गया है। 

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