बांग्लादेश प्रीमियर लीग (BPL) के 10वें सीजन के बीच बांग्लादेश टीम के हेड कोच चंडिका हथुरुसिंघा ने इस टी20 लीग को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है। बीपीएल के मौजूदा सीजन की शुरुआत 19 जनवरी से हुई थी तो वहीं इसका फाइनल मुकाबला एक मार्च को खेला जाएगा। चंडिका हथुरुसिंघा ने बीपीएल की आलोचना करने के साथ इसे एक सर्कस की तरह बताया। उन्होंने इस लीग को बंद करने के लिए बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के साथ आईसीसी से भी गुहार लगाई है। जिसमें उनके अनुसार आईसीसी को कुछ ऐसे नियम लाने चाहिए ताकि अनुबंध में शामिल खिलाड़ी एक ही समय पर कई और टी20 लीग में खेल रहा होता है।
हमारे पास अब तक एक सही टी20 टूर्नामेंट नहीं
चंडिका हथुरुसिंघा ने ईएसपीएन क्रिकइंफो को बांग्लादेश प्रीमियर लीग को दिए अपने बयान में कहा कि हमारे पास अब तक एक ढंग का टी20 टूर्नामेंट नहीं है। ये सुनने में काफी अजीब जरूर लगेगा, जब मैं बीपीएल के मुकाबले देख रहा होता हूं तो उस समय ऐसा लगता है कि टीवी बंद कर दूं। एक खिलाड़ी एक टूर्नामेंट खेल रहा है और फिर वह दूसरा टूर्नामेंट खेल रहा होता है। ये किसी सर्कस से कम नहीं है। इसको लेकर आईसीसी को कुछ नियम बनाने होंगे। खिलाड़ियों के नजरिए ये सही हो सकता है, लेकिन एक दर्शक होने के नाते ऐसा होना बिल्कुल भी सही नहीं है। हमें एक ऐसे टूर्नामेंट की जरूरत है जिसमें हमारे खिलाड़ियों को टॉप-3 में खेलने का मौका मिल सके, वहीं गेंदबाजों को अंतिम ओवरों में अधिक बॉलिंग मिले।
लोकल खिलाड़ियों का एक अलग टूर्नामेंट होना चाहिए
अपने बयान में चंडिका हथुरुसिंघा ने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को भी सलाह दी कि उन्हें बीपीएल का आयोजन करने से ठीक पहले लोकल खिलाड़ियों को लेकर एक टूर्नामेंट कराना चाहिए जिससे उन्हें टी20 क्रिकेट का अनुभव मिल सके। बीपीएल में शामिल फ्रेंचाइजी वही फैसला लेती हैं, जो उनके अनुसार सही होता है। इस लीग में कुछ बेस्ट खिलाड़ी नहीं खेल रहे हैं। इसके बाद आप कैसे ये उम्मीद कर सकते हैं कि बांग्लादेश की टीम वर्ल्ड क्रिकेट में बाकी टीमों के मुकाबले उनके बराबर पहुंच पाएगी। बांग्लादेश के खिलाड़ियों की बीपीएल में एक भूमिका तय की जानी चाहिए ताकि वह उस अनुसार खेल सके।
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