पाकिस्तान मुश्किल दौर से गुजर रहा है। वह अपने ही घर में इंग्लैंड के हाथों लगातार दो टेस्ट मैच गंवाकर शर्मसार हो चुका है और ठीक इसी वक्त उसे एक और जोर का झटका लगा है, जो उसकी मुश्किल को लंबे वक्त तक बढ़ाता रहेगा। पाकिस्तानी टीम के एक बड़े बल्लेबाज ने अचानक ही टीम का साथ छोड़ने का फैसला किया है। खास बात यह है कि इस खिलाड़ी ने खेल के उस फॉर्मेट को छोड़ने का फैसला किया है जिसमें पाकिस्तान को उनकी जरूरत सबसे ज्यादा थी। इस टॉप ऑर्डर बल्लेबाज ने खेल के सबसे क्लासिक और बड़े फॉर्मेट को अलविदा कहने का फैसला कर लिया है।
पाकिस्तान के बड़े बल्लेबाज ने छोड़ा टीम का साथ
पाकिस्तान के बल्लेबाज अजहर अली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया है। अजहर अली आज के दौर के पाकिस्तान के सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। वह इंग्लैंड के खिलाफ 17 दिसंबर को कराची में शुरू हो रहे मैच में अपने करियर का आखिरी टेस्ट मैच खेलेंगे। अजहर अली के संन्यास के ऐलान की टाइमिंग कई लोगों को थोड़ी अटपटी लग सकती है। वह टेस्ट क्रिकेट को उस मोड़ पर अलविदा कह रहे हैं जब तीन मैच की टेस्ट सीरीज में दो मुकाबलों के बाद पाकिस्तानी टीम इंग्लैंड से 0-2 से पिछड़ चुकी है। यह मुश्किल वक्त है जब बेहतर भविष्य के लिए पाकिस्तान को उनकी जरूरत हो सकती थी। इसके अलावा वह एक बड़े मुकाम को हासिल करने से ठीक पहले रिटायर हो रहे हैं। वह पाकिस्तान के लिए 100 टेस्ट खेलने के रिकॉर्ड को हासिल करने से तीन मैच पहले इस फॉर्मेट को छोड़ रहे हैं। अजहर अली टेस्ट क्रिकेट में पाकिस्तान के रन स्कोरिंग चार्ट में पांचवें पायदान पर हैं।
अजहर अली ने टेस्ट क्रिकेट से अपने संन्यास का ऐलान कराची टेस्ट से एक दिन पहले प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए एक बड़े सम्मान की बात है कि मुझे सर्वोच्च स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। अपने करियर को खत्म करने का फैसला हमेशा बेहद मुश्किल होता है, लेकिन काफी सोच विचार करने के बाद मुझे लगा कि मेरे लिए टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का वक्त आ चुका है।”
पिछले टेस्ट में टीम में नहीं मिली थी जगह
37 साल के अजहर को इंग्लैंड के खिलाफ पिछले टेस्ट में पाकिस्तानी टीम में जगह नहीं मिली थी। सरफराज अहमद को 2019 में कप्तानी से हटाने के बाद उन्हें पाकिस्तान टेस्ट टीम का फुल टाइम कप्तान बनाया गया था। उन्होंने कुल 9 टेस्ट में कप्तानी की। उनकी कप्तानी में पाकिस्तान ने श्रीलंका और बांग्लादेश के खिलाफ अपने घर में दो टेस्ट सीरीज जीती। खराब निजी प्रदर्शन और उनकी कप्तानी के तरीके की लगातार आलोचनाओं के बीच उन्हें हटाकर बाबर आजम को कप्तानी दे दी गई थी। उन्हें 2015 के बाद से वनडे फॉर्मेट में भी लगातार नजरअंदाज किया गया। उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच जनवरी 2018 में खेला और अपने करियर में कभी कोई टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने का उन्हें मौका नहीं मिला।