IND vs AUS: ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारत के खिलाफ मौजूदा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में एक के बाद एक दो बड़ी हार झेलनी पड़ी हैं। पहले नागपुर में टीम इंडिया ने पारी और 132 रनों से ऑस्ट्रेलिया को धोया उसके बाद दिल्ली में भी कंगारू टीम 6 विकेट से तीन दिन के अंदर ही हार गई। लंबी तैयारी के बावजूद कंगारू टीम के बल्लेबाज भारतीय स्पिनर्स की गुत्थी को सुलझा नहीं पा रहे हैं। दूसरा इंजरी भी मेहमानों के लिए खासा परेशानी का विषय बनी हुई है। दिल्ली टेस्ट में पहली पारी के बाद ही डेविड वॉर्नर बाहर हो गए थे और उनकी जगह मैथ्यू रेनशॉ को बतौर कनकशन सब्सटीट्यूट लाया गया था।
अब वॉर्नर के ऊपर पूरी सीरीज से बाहर होने का खतरा है। दिल्ली टेस्ट के बाद जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडिया टीवी की ओर से ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस से इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने भी कहा कि, टीम के लिए बड़ा नुकसान है। उनसे पहले भी कैमरून ग्रीन, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड इंजरी के कारण टीम में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। हालांकि, यह खिलाड़ी स्क्वॉड का हिस्सा हैं रिकवर भी कर चुके हैं लेकिन पूरी तरह फिटनेस के पैमानों पर खरे नहीं उतर पाए हैं। अब वॉर्नर की चोट भी टीम के लिए दिक्कत पैदा कर सकती है।
क्या होगा ऑस्ट्रेलियाई टीम का अगला कदम?
इन्हीं मुद्दों पर मैच के बाद कमिंस ने बोलते हुए आगे यह भी कहा कि, मिचेल स्वैप्सन भी स्वदेश लौट गए थे और उम्मीद करते हैं कि वह वापस लौटेंगे। वहीं कुछ चोटों के कारण स्क्वॉड में बदलाव भी हो सकता है। अभी 10 दिन का करीब समय है अगले मैच में तो हम चर्चा करेंगे और इंतजार करेंगे कि इंजरी को लेकर क्या अपडेट हैं। अगर जरूरत पड़ी तो स्क्वॉड में बदलाव भी हो सकते हैं। गौरतलब है कि पहले टेस्ट के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने स्वैप्सन के जाने पर तत्काल प्रभाव से मैट कुहनेमैन को ऑस्ट्रेलिया से भारत बुलाया था। हालांकि वह कुछ खास कमाल नहीं कर पाए और दोनों पारी मिलकार 28.3 ओवर उन्होंने फेंके और सिर्फ दो विकेट झटके। यह उनका डेब्यू टेस्ट था।
इसके अलावा कंगारू बल्लेबाजों द्वारा स्वीप और रिवर्स स्वीप को ज्यादा तवज्जो देने पर उन्होंने कहा कि, उनके ज्यादातर बल्लेबाज स्वीप और रिवर्स स्वीप जैसे जोखिम भरे शॉट खेलने को लेकर सहज नहीं थे लेकिन स्पिनरों से निपटने के लिए उन्हें यह तरीका अपनाना पड़ा। उप-कप्तान स्टीव स्मिथ सहित कम से कम पांच ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज इस तरह के शॉट खेलने की कोशिश में गच्चा खाकर आउट हो गए। कमिंस ने माना कि, इस तरह की पिचों पर सभी बल्लेबाज एक ही तरीके को नहीं अपना सकते । हर बल्लेबाज के खेलने का एक तरीका होता है। मुझे नहीं लगता कि कोई एक तरीका किसी परिस्थिति में सबको को रास आएगा। दुर्भाग्य से, हम में से कुछ ‘क्रॉस बैटिंग’ वाले शॉट्स के साथ आउट हो गए, जो शायद हमारा पसंदीदा तरीका नहीं है। वहीं उन्होंने यह भी माना की 260 ठीकठाक स्कोर था लेकिन अगर 300 कुछ रन बनते तो तस्वीर कुछ और हो सकती थी।