Asia Cup 2023: साल 2023 में होने वाले वनडे फॉर्मेट के एशिया कप के वेन्यू और मेजबानी को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। पाकिस्तान को आधिकारिक तौर पर इसकी मेजबानी करनी है। भारत जहां राजनीतिक गतिरोध के कारण पाकिस्तान जाने से मना कर चुका है। वहीं पाकिस्तान इसको यूएई में होस्ट करने के लिए सहमत नहीं हो पा रहा है। ऐसे में वेन्यू को लेकर पेंच फंसा हुआ है। इसी को लेकर शनिवार 4 फरवरी को बहरीन में एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) की बैठक हुई जिसमें बीसीसीआई सचिव जय शाह और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के एक्टिंग चेयरमैन नजम सेठी भी मौजूद रहे।
इस मीटिंग के बाद जो अपडेट सामने आया है उसके मुताबिक शनिवार को हुई बैठक में सफल चर्चा हुई है। वहीं अभी इस बैठक में डेट और वेन्यू की घोषणा नहीं हो सकी। इसके लिए एसीसी ने मार्च में होने वाली अगली बैठक के इंतजार करने को कहा है। एसीसी द्वारा प्रेस रिलीज के मुताबिक, आगामी एशिया कप 2023 को लेकर एसीसी की तरफ से विस्तार से चर्चा की गई। बोर्ड ने इसके आयोजन, टाइमलाइन और कई अन्य जरूरी मुद्दों पर आगे चर्चा करने के लिए सहमति जता दी है। इस मामले पर अन्य अपडेट (यानी वेन्यू फाइनल और तारीखों पर) मार्च 2023 में होने वाली अगली बोर्ड मीटिंग के बाद सामने आएंगे।
पाकिस्तान बैकफुट पर
अगर बीसीसीआई के सूत्रों की मानें तो उन्होंने कहा कि, आश्वस्त रहिए कि भारत पाकिस्तान नहीं जा रहा है और टूर्नामेंट को ही कहीं और करवाया जाएगा। एसीसी का मानना है कि अगर भारत के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली, रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों के बिना टूर्नामेंट होगा तो इससे स्पॉन्सर्स हाथ पीछे खींच लेंगे। यही कारण है कि पाकिस्तान को अपनी जिद्द से पीछे हटना पड़ा। एसीसी के अंदरूनी सूत्र ने कहा कि, नजम सेठी हाल में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के एक्टिंग चेयरमैन बने हैं और अगर वह पहली ही बैठक में पीछे हट जाते तो उनके देश में इसका खराब असर पड़ता। इसलिए यह फैसला अगली मीटिंग तक स्थगित किया गया है।
अन्य दो टीमें भी होंगी शामिल
एसीसी द्वारा जारी प्रेस रिलीज से इस बैठक का एक बहुत बड़ा फैसला सामने आया है। इसके मुताबिक एशियन क्रिकेट काउंसिल में बोर्ड ने दो अन्य एशियाई देशों की टीम को भी एशिया कप में हिस्सा लेने के लिए हरी झंडी दिखाई। बोर्ड ने जापान (जापान क्रिकेट एसोसिएशन) और इंडोनेशिया को भी आगामी एसीसी टूर्नामेंट्स के लिए इनवाइट करने की बात कही। इससे पहले भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के अलावा हॉन्ग-कॉन्ग, नेपाल, यूएई जैसे देश भी बतौर एसोसिएट नेशन इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेते आए हैं।
क्या था पूरा विवाद?
अगर पूरे विवाद की बात करें तो 26/11 के हमले और फिर श्रीलंकाई टीम की बस पर आतंकी हमले के बाद भारत की सरकार ने पाकिस्तान का दौरा करने से भारतीय टीम पर रोक लगा दी थी। उसके बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज का दौर खत्म हो गया। यह दोनों टीमें सिर्फ एशिया कप या आईसीसी टूर्नामेंट्स में ही आमने-सामने खेलते हैं। इसलिए ही जब पाकिस्तान को एशिया कप 2023 की मेजबानी मिली तो सबसे बड़ा सवाल यही उठा कि, क्या भारतीय टीम इस टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान जाएगी? इसको लेकर बीसीसीआई सचिव जय शाह ने जवाब दिया और किसी भी सूरत में पाकिस्तान जाने से इनकार करने की बात कहते हुए भारतीय सरकार के ऊपर फैसला छोड़ दिया था।
इसके बाद तत्कालीन पीसीबी चेयरमैन रमीज राजा ने गीदड़भभकी देते हुए वनडे वर्ल्ड कप 2023 के लिए भारत आने से मना कर दिया। इसके बाद विवाद बढ़ा। फिर रमीज राजा का कार्यकाल खत्म हुआ और सेठी के हाथों में सत्ता आई। इसके बाद एसीसी की तरफ से शेड्यूल जारी किया गया। जिस पर सेठी ने पाकिस्तान का मत नहीं लेने का आरोप लगाया। फिर ट्विटर वॉर छिड़ गया। जिस पर एसीसी ने अपने जवाब से पीसीबी की बोलती बंद कर दी। इसी के बाद बहरीन में मीटिंग का फैसला हुआ जिसकी गुजारिश नजम सेठी की तरफ से ही की गई थी। अब देखना होगा कि अगली मीटिंग में वेन्यू और तारीखों पर क्या फैसला आता है।