Highlights
- अर्शदीप सिंह को पाकिस्तान से हार के बाद होना पड़ा था ट्रोलिंग का शिकार
- अर्शदीप ने डाले थे एशिया कप में पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ ओवर
- कोच बोले, अर्शदीप एक बहादुर लड़का, हरसंभव कोशिश की जीत दिलाने की
Arshdeep Singh : एशिया कप 2022 में पाकिस्तान के खिलाफ मिली टीम इंडिया को हार के बाद तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को सोशल मीडिया पर ट्रोल करने की कोशिश की गई। हालांकि इसके बाद भी अर्शदीप ने हिम्मत नहीं हारी। टीम इंडिया के मैनेजमेंट ने भी उनका पूरा साथ दिया और अगले मैच में की प्लेइंग इलेवन में भी उन्हें शामिल किया। कुछ खबरें इस तरह की आ रही थी कि अर्शदीप सिंह को ट्रोल करने की शुरुआत पाकिस्तान से की गई थी। इस बीच अर्शदीप सिंह के बचपन के कोच ने बड़ा खुलासा किया है। कोच ने बताया कि इस तरह की घटना के बाद उनकी अर्शदीप सिंह से बात हुई थी।
अर्शदीप सिंह के बचपन के कोच हैं जसवंत राय
अर्शदीप सिंह के बचपन के कोच जसवंत राय हैं, जिनके साथ रहकर अर्शदीप सिंह ने गेंदबाजी के गुर सीखे और आज वे टीम इंडिया के लिए खेल रहे हैं। जसवंत राय ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि अर्शदीप सोशल मीडिया पर हुई ट्रोलिंग से जरा सा भी परेशान या प्रभावित नहीं हुए। जसवंत राय ने कहा कि अर्शदीप एक बहादुर लड़का है और उसे ट्रोल होने की परवाह नहीं है। उन्होंने माना कि अर्शदीप से एक कैच छूट गया, लेकिन इसके बाद भ उसने आखिरी ओवर डालकर टीम इंडिया को जिताने की पूरी कोशिश की।
टीम इंडिया को पाकिस्तान और श्रीलंका से मिली थी हार
सुपर 4 में भारतीय टीम के तीन मुकाबले हुए। पहले पाकिस्तान के खिलाफ, दूसरा श्रीलंका और तीसरा अफगानिस्तान के खिलाफ। टीम इंडिया इसमें से पहले दो मैच हार गई थी। पाकिस्तान को आखिरी ओवर में सात रन बचाने थे और कप्तान रोहित शर्मा ने गेंदबाजी का जिम्मा अर्शदीप सिंह को दिया। रन काफी कम थे, इसके बाद भी उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी की और मैच को पांचवीं गेंद तक लेकर गए। इसके बाद श्रीलंका वाले मैच में भी कुछ ऐसा ही था। वहां भी आखिरी ओवर में सात रन बचाने थे और अर्शदीप सिंह गेंदबाजी कर रहे थे। हालांकि इस मैच में भी अर्शदीप सिंह मैच को पांचवीं गेंद तक लेकर गए। इस बारे में बात करते हुए जसवंत राय ने कहा कि टी20 क्रिकेट में सात रन काफी कम होते हैं, अगर दस रन भी बचाने की जिम्मेदारी अर्शदीप पर होती तो वे मैच जिता गए होते। उन्होंने ये भी कहा कि कभी हार न मानने वाला रवैया, उनके एक्शन और बॉडी लैंग्वेज में साफतौर पर दिख रहा था। अर्शदीप सिंह ने दोनों मैच जिताने के लिए पूरी कोशिश की।