Team India: टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत की हार और इंग्लैंड के चैंपियन बनने के बाद टीम इंडिया को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। वर्ल्ड कप तो हो गया लेकिन अब आगे के लिए कई क्रिकेट दिग्गज भारतीय टीम को कई प्रकार की सलाह भी दे रहे हैं। इसी कड़ी में टीम इंडिया के एक पूर्व हेड कोच ने तो टेस्ट यानी रेड बॉल क्रिकेट और टी20 व वनडे (व्हाइट बॉल क्रिकेट) के लिए अलग-अलग टीम बनाने की सलाह दे डाली है। दरअसल इसमें कोई नई बात नहीं है इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमें इस प्रैक्टिस को फॉलो भी कर रही हैं।
दरअसल भारत की टेस्ट टीम के पूर्व कप्तान और हेड कोच रहे अनिल कुंबले का मानना है कि, इंटरनेशनल क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए लिमिटेड ओवर और टेस्ट फॉर्मेट की पूरी तरह से अलग टीम होनी चाहिए। इंग्लैंड की टीम मौजूदा समय में वनडे और टी20 दोनों फॉर्मेट में चैंपियन है। ऐसे में इस टीम की सफलता के बाद सफेद गेंद और लाल गेंद के क्रिकेट के लिए अलग-अलग टीम रखने की चर्चा शुरू हो गई है। कुंबले ने टीम इंडिया को लेकर कहा,"निश्चित तौर पर आपको अलग-अलग टीमों की जरूरत पड़ेगी। आपको टी20 के स्पेशलिस्ट खिलाड़ियों की जरूरत पड़ती है।"
इंग्लैंड ने किया साबित
अनिल कुंबले ने आगे कहा,"मुझे लगता है कि इंग्लैंड की इस टीम ने दिखाया है और यहां तक की पिछली बार के टी20 विश्व कप चैंपियन ऑस्ट्रेलिया ने भी साबित किया है कि आपके पास अधिक से अधिक ऑलराउंडर होने चाहिए। आप उनके बल्लेबाजी क्रम पर गौर करिए। आज लियाम लिविंगस्टोन सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आते हैं। किसी भी अन्य टीम के पास नंबर सात पर लिविंगस्टोन जैसा बल्लेबाज नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के लिए मार्कस स्टॉयनिस छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं। आपको इस तरह की टीम तैयार करनी होगी।"
कुंबले ने यह भी कहा,‘‘मैं वास्तव में इसको लेकर स्पष्ट तौर पर नहीं कह सकता कि आपको अलग कप्तान या अलग कोच चाहिए। यह सब कुछ इस पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की टीम का चयन करने जा रहे हैं। इसके बाद तय करें कि आपको कैसा सहयोगी स्टाफ और कप्तान चाहिए।’’ इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज टॉम मूडी ने भी इस मुद्दे पर कहा था कि, टीमों को अलग-अलग कोच रखने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इंग्लैंड में ब्रैंडन मैकुलम उसके टेस्ट कोच जबकि मैथ्यू मोट सीमित ओवरों की टीम के कोच हैं।
टॉम मूडी का भी दो टूक बयान
मूडी ने इंग्लैंड की टी20 विश्व कप 2022 में खिताबी जीत के बाद कहा,‘‘मेरा मानना है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि यह आगे बढ़ने का रास्ता है, फिर चाहे वह खिलाड़ी हो या सहयोगी स्टाफ, उन्हें अलग-अलग रखने पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। आज ऐसा लगता है इंग्लैंड की टेस्ट और लिमिटेड ओवर की टीमों में काफी अंतर है। उन्होंने अच्छे खिलाड़ियों को तैयार किया है।’’