Highlights
- 2005-06 के जिम्बाब्वे दौरे पर टीम इंडिया के मैनेजर भी रह चुके थे अमिताभ चौधरी
- 2020 में झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन के चेयरमैन भी बनाए गए थे चौधरी
- झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अमिताभ चौधरी के निधन पर शोक प्रकट किया
Amitabh Choudhary: झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में अहम भूमिका निभा चुके अमिताभ चौधरी का मंगलवार 16 अगस्त की सुबह निधन हो गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक 62 वर्षीय चौधरी के मौत की वजह हार्ट अटैक रही। वह झारखंड क्रिकेट एसोसिशन के अध्यक्ष और बीसीसीआई के संयुक्त सचिव के अलावा टीम इंडिया के मैनेजर की भी भूमिका निभा चुके थे। उनके निधन पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, भारत के पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह समेत कई लोगों ने शोक प्रकट किया।
रांची स्थित सेंटेविटा अस्पताल के चिकित्सक डॉ. वरुण कुमार ने बताया कि, चौधरी को दिल का दौरा पड़ने के बाद सुबह लगभग 7.45 बजे आपात चिकित्सा कक्ष में लाया गया। उन्हें बचाने के लिए चिकित्सकों के दल ने पूरा प्रयास किया लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका और लगभग नौ बजे उनका निधन हो गया। सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण के बाद उनकी तबीयत थोड़ी खराब हो गी थी। लेकिन अशोक नगर स्थित अपने निवास पर ही उन्होंने आराम किया। चौधरी के करीबी और झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के सचिव देवाशीष चक्रवर्ती ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि सुबह चौधरी को उनके अशोक नगर स्थित आवास पर ही दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद आनन फानन में उन्हें सेंटेविटा अस्पताल ले जाया गया।
अमिताभ चौधरी का नाम झारखंड के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारियों में दर्ज है। उन्हें साल 2020 में झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (JPSC) का चेयरमैन भी बनाया गया था। इस पद से वह हाल ही में रिटायर हुए थे। उनके निधन पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने दुख जाहिर करते हुए लिखा, ''JPSC के पूर्व अध्यक्ष श्री अमिताभ चौधरी जी के आकस्मिक निधन की दुःखद खबर मिली। पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ जी ने राज्य में क्रिकेट के खेल को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोक संतप्त परिवार को दुःख की घड़ी सहन करने की शक्ति दे।''
भारतीय क्रिकेट टीम के मैनेजर भी रह चुके थे अमिताभ चौधरी
पूर्व आईपीएस अमिताभ चौधरी ने राजनीति में भी कदम रखा था लेकिन वहां वह अपने पांव नहीं जमा पाए। क्रिकेट उनका जुनून अलग ही लेवल का था। यही कारण रहा कि 2005-06 में जिम्बाब्वे के दौरे पर वह भारतीय टीम मैनेजर थे। उनके करियर में कई चुनौतियां भी आईं। जिम्बाब्वे के इसी दौरे के बाद गांगुली-चैपल विवाद खड़ा हो गया। फिर जब वह आगे चलकर सीईओ बने तो विराट कोहली-अनिल कुंबले विवाद से भी उन्हें निपटना पड़ा। वह बीसीसीआई के संयुक्त सचिव पद पर भी तैनात रह चुके थे।
उनके निधन पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी दुख व्यक्त किया और लिखा कि,'JSCA के पूर्व अध्यक्ष और बीसीसीआई के पूर्व सचिव श्री अमिताभ चौधरी के निधन की खबर सुनकर हैरान हूं। एक सफल क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर उन्होंने खेल पर अपनी छाप छोड़ी। उनके परिवार और रिश्तेदारों के लिए मेरी सांत्वना। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।'