मुंबई की टीम ने एक और मैच जीतकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। मुंबई की टीम ने बड़ौदा को बड़ी आसानी से मात दी, लेकिन मुंबई के सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे अपना शतक पूरा करने से चूक गए। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में जाने वाली दूसरी टीम कौन सी होगी, इस पर से पर्दा हटना अभी बाकी है। इस बीच क्रूणाल पांड्य की कप्तानी वाली बड़ौदा की फाइल में जाने की मुराद पूरी नहीं हो पाई। इसी टीम से उनके भाई हार्दिक पांड्या भी खेल रहे हैं।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में पहले बल्लेबाजी करने उतरी बड़ौदा की टीम बड़ा स्कोर नहीं बना पाए। टीम की ओर से सबसे ज्यादा रन शिवालिक शर्मा ने बनाए, जो 36 रन पर नाबाद लौटे। टीम ने केवल 158 रन ही बनाए। कप्तान क्रूणाल पांड्या ने 30 रन बनाए, वहीं हार्दिक पांड्या केवल 5 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। मुंबई के सामने बड़ा स्कोर चेज करने के लिए नहीं था, लेकिन पृथ्वी शॉ के रूप में उसका भी पहला विकेट जल्दी गिर गया। वे केवल 8 ही रन बना सके। हालांकि दूसरे छोर अजिंक्य रहाणे ने मोर्चा संभाले रखा।
अजिंक्य रहाणे 98 रन बनाकर आउट
मुंबई की इस जीत के सबसे बड़े हीरो अजिंक्य रहाणे ही रहे। वे भले अपना शतक पूर नहीं कर पाए हों, लेकिन वे अपनी टीम को जीत के दरवाजे तक पहुंचाकर आउट हुए। उन्होंने 56 बॉल पर 98 रनों की तूफानी पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 11 चौके और तीन छक्के आए। जब टीम को जीत के लिए दस रन बनाने थे, तब रहाणे 90 रन पर खेल रहे थे। उन्होंने दौ चौके लगाकर अपना स्कोर 98 तक पहुंचा दिया। अब टीम को जीत के लिए दो रन चाहिए थे और रहाणे को अपनी सेंचुरी के लिए इतने ही रनों की दरकार थी। इस बीच अभिमन्यु सिंह ने एक वाइड बॉल डाल दी। अब दोनों टीमों का स्कोर बराबर हो चुका था।
सूर्यकुमार यादव के बल्ले से नहीं निकले रन
अजिंक्य रहाणे को अपनी सेंचुरी के लिए दो रन चाहिए थे, लेकिन मुंबई को जीत के लिए एक रन। यानी रहाणे अगर चौका या छक्का लगाते, तभी उनका शतक पूरा हो पाता। रहाणे ने कोशिश भी यही की। लेकिन बॉल वहीं पर खड़ी हो गई और वे आउट हो गए। इसके बाद इसी स्कोर पर सूर्यकुमार यादव भी आउट हो गए। उन्होंने सात बॉल पर एक रन बनाया। हालांकि एक रन ही जीत के लिए चाहिए था, लिहाजा मुंबई को ज्यादा दिक्कत नहीं हुई और टीम ने 6 विकेट से इस मैच को अपने नाम कर लिया।
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