साल 2019 में इंग्लैंड में खेले जाने वाले विश्व कप में जिम्बाब्वे की टीम खेलती नजर नहीं आएगी। 36 साल में ये पहला मौका होगा जब टीम विश्व कप का हिस्सा नहीं होगी। हालांकि ऐसा नहीं है कि जिम्बाब्वे को विश्व कप में पहुंचने का मौका नहीं मिला। आईसीसी ने विश्व कप क्वालीफायर जिम्बाब्वे में ही आयोजित कराया। लेकिन इसके बावजूद टीम वर्ल्ड कप में नहीं पहुंच सकी और बेहद रोमांचक मुकाबले में यूएई से हारकर विश्व कप में पहुंचने की रेस से बाहर हो गई। विश्व कप से बाहर होने के बाद जिम्बाब्वे क्रिकेट में बवाल मच गया है और बोर्ड ने कई कड़े फैसले लिए हैं। बोर्ड ने ग्रेम क्रीमर, कोच हीथ स्ट्रीक और बाकी कोचिंग स्टाफ को बर्खास्त कर दिया।
माना जा रहा है कि वर्ल्ड कप से बाहर होने के बाद बोर्ड काफी गुस्से में है और इसी कारण उसने ये फैसला लिया है। आपको बता दें कि 36 साल में ये पहला मौका है जब जिम्बाब्वे की टीम विश्व कप का हिस्सा नहीं है। 1983 से लेकर 2019 से पहले तक हर बार जिम्बाब्वे की टीम विश्व कप में खेलती नजर आई थी। लेकिन सुपर सिक्स के मुकाबले में यूएई के हाथों हारते ही जिम्बाब्वे का विश्व कप खेलने का सपना भी टूट गया।
जिम्बाब्वे के विश्व कप के सफर पर नजर डालें तो टीम 1983, 1987 में ग्रुप स्टेज तक पहुंची थी। इसके बाद 1992 में टीम ने राउंड-रॉबिन स्टेज तक का सफर तय किया। वहीं, 1996 में जिम्बाब्वे ने सुपर सिक्स में जगह बनाई। इसके बाद 2007, 2011 और 2015 में टीम ग्रुप स्टेज तक ही पहुंच सकी। आपको बता दें कि 2019 विश्व कप से बाहर होने के बाद खिलाड़ियों और फैंस का बुरा हाल है। अपनी चहेती टीम को हारते देख कई फैंस के आंसू भी छलक पड़े। जिम्बाब्वे को करो या मरो के मुकाबले में यूएई से 3 रन से हार झेलनी पड़ी थी।