हाल ही में आईसीसी विश्व कप क्वालीफायरर्स में हारकर बाहर होने वाली जिम्बाब्वे की टीम ने भारत के पूर्व खिलाड़ी लालचंद राजपूत को अपना नया अंतरिम हेड कोच नियुक्त किया है। भारत के लिए 1985 से 1987 तक 2 टेस्ट और 4 वनडे खेल चुके राजपूत पर अब जिम्बाब्वे क्रिकेट को फिर से पुराने दौर पर वापस लाने की जिम्मेदारी होगी। राजपूत को हीथ स्ट्रीक की जगह ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। 2019 विश्व में जगह ना बना पाने के बाद जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने बड़ा फैसला लेते हुए पूरे कोचिंग स्टाफ समेत कप्तान ग्रेम क्रीमर को बर्खास्त कर दिया था। अब बोर्ड ने भारत के राजपूत को अंतरिम हेड कोच बनाकर उम्मीद जताई है कि इससे उनकी क्रिकेट में फिर से सुधार आएगा।
जिम्बाब्वे क्रिकेट ने ट्वीट करते हुए कहा, 'जिम्बाब्वे क्रिकेट ने लालचंद राजपूत को नया अंतरिम हेड कोच बनाया है। 56 साल के पूर्व भारतीय खिलाड़ी इस पद के लिए बिल्कुल फिट हैं। जब भारत ने 2007 आईसीसी टी20 विश्व कप जीता था तो ये टीम के मैनेजर थे। इस नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं।' इससे पहले राजपूत अफगानिस्तान के कोच रह चुके हैं। अफगानिस्तान के कोच रहने के दौरान राजपूत टीम को काफी ऊपर तक लेकर गए और आईसीसी का पूर्ण सदस्य बनाने में अहम रोल निभाया।
इसके अलावा जब भारत ने साल 2007 में टी20 विश्व कप जीता था तो उस दौरान राजपूत टीम इंडिया के मैनेजर थे। भारत की टीम एम एस धोनी के नेतृत्व में खेल रही थी और युवा टीम को संभालने की जिम्मेदारी राजपूत के कंधों पर थी। राजपूत ने ये जिम्मेदारी बखूबी निभाई और भारतीय टीम को पहला खिताब जिताकर ही दम लिया। अब जिम्बाब्वे को भी उनसे काफी उम्मीदें होंगी।