सेफद गेंद के मास्ट माने जाने वाले स्पिनर युजवेंद्र चहल ने टीम इंडिया के लिए टेस्ट मैच खेलने की इच्छा जताई है। वनडे और टी20 मैचों में युजवेंद्र चहल ने कुलदीप यादव के साथ मिलकर खूब विकटें चटकाई है, लेकिन उन्हें अभी तक टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला है। चहल ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू 2016 में किया था वहीं कुलदीप यादव ने 2017 में टीम इंडिया से जुड़े थे। चहल से पहले कुलदीप टीम इंडिया के लिए टेस्ट मैच खेल चुके हैं।
चहल का कहना है कि उन्हें एक टेस्ट मैच या फिर वह बस भारतीय टेस्ट टीम में चुने भी जाते हैं तो उन्हें बहुत खुशी होगी। चहल ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा "अगर मुझे भारत के लिए एक भी टेस्ट मैच खेलने का मौका मिलता है या फिर अगर मैं टेस्ट टीम में भी चुना जाता हूं तो मुझे बहुत खुशी होगी। यह पूरी तरह से एक अलग अहसास होगा।"
वहीं चहल का कहना है कि जब वह सफेद गेंद के साथ अपने साथी कुलदीप यादव के साथ मैच खेलते हैं तो बल्लेबाजों का ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बता दें, करियर की शुरुआत में ये दोनों खिलाड़ी एक साथ खेला करते थे, लेकिन अब विराट कोहली इन्हें एक मैच में एक साथ बहुत कम खिलाते हैं।
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चहल ने कहा "हम दोनों कलाई के स्पिनर हैं और शुरुआती दिनों से ही एक साथ गेंदबाजी करते आ रहे हैं। जब हम एक साथ खेलते हैं तो बल्लेबाजों के पास निपटने के लिए अधिक विविधताएं होती है। अगर मैं कुछ अच्छे ओवर करता हूं तो इससे कुलदीप के छोर से भी कुछ अच्छा होगा।"
चहल ने आगे कहा "अगर आप एकमात्र स्पिनर के रूप में खेलते हैं तो आपकी जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है। साथ ही कप्तान के लिए भी यह मुश्किल हो जाता है कि वह आपके 10 ओवरों का इस्तेमाल कैसे करें।"
उन्होंने कहा, " जब दो स्पिनर खेलते हैं तो कप्तान के लिए भी 20 ओवरों की गेंदबाजी कराना आसान हो जाता है। खासकर तब जब वह जानते हैं कि उनके पास कोई अतिरिक्त गेंदबाज नहीं है। अगर गेंद टर्न होती है, तो आपको पता होता है कि आपके पास दूसरा फ्रंट लाइन स्पिनर भी है। जब स्पिनर दोनों छोर से गेंदबाजी करते हैं तो मैच की गति भी बढ़ जाती है। अगर एक ही स्पिनर होता है तो फिर से बीच के ओवरों में गेंदबाजी करना मुश्किल हो जाता है।"