मुंबई। युवराज सिंह ने सोमवार को खुलासा किया कि बीसीसीआई ने ‘यो यो’ टेस्ट में विफल होने पर उन्हें विदाई मैच का वादा किया था। युवराज हालांकि ‘यो यो’ टेस्ट में सफल रहे और उन्हें विदाई मैच खेलने का मौका कभी नहीं मिला।
लगभग 17 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के बाद संन्यास की घोषणा करने वाले 37 साल के युवराज ने भारत की ओर से पिछला मैच जून 2017 में खेला था। युवराज ने संन्यास की घोषणा के लिए बुलाई प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे बोला गया था कि अगर आपसे ‘यो यो’ टेस्ट पास नहीं होता तो आप विदाई मैच खेल सकते हो।’’
युवराज के समकक्ष वीरेंद्र सहवाग ने विदाई मैच नहीं खेलने का दर्द बयां किया लेकिन बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि वह ऐसा मैच नहीं चाहते थे। यहां तक कि वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को भी विदाई मैच खेलने का मौका नहीं मिला जिसके वे हकदार थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बीसीसीआई में किसी से नहीं कहा कि मुझे अंतिम मैच खेलना है। अगर मैं अच्छा था, मेरे अंदर क्षमता थी तो मैं मैदान से संन्यास लेता। और मुझे इस तरह का क्रिकेट खेलना पसंद नहीं है कि मुझे एक मैच चाहिए।’’
युवराज ने कहा, ‘‘तो मैंने उस समय बोला कि मुझे विदाई मैच नहीं चाहिए, यो यो टेस्ट पास नहीं होगा तो मैं चुप चाप घर चला जाऊंगा। यो यो टेस्ट मैंने पास किया और इसके बाद चीजें मेरे हाथ में नहीं थी।’’
‘यो यो’ टेस्ट में 20 मीटर की दूरी पर दो कोन रखे जाते हैं और बीप की आवाज के साथ खिलाड़ी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचना होता है। इससे खिलाड़ी की फिटनेस और मजबूती का आकलन होता है। भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए अब इस टेस्ट को पास करना जरूरी है और जब युवराज से इस विषय पर उनके विचार मांगे गए तो उन्होंने कहा कि इस बारे में बात करने के लिए भविष्य में काफी समय है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि इस बारे में बात करने के लिए मेरे पास अब काफी समय होगा, मुझे काफी कुछ कहना है। मैं अभी कुछ नहीं कर रहा क्योंकि भारत विश्व कप खेल रहा है और मैं खिलाड़ियों को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं चाहता।’’