वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाद माइकल होल्डिंग का मानना है कि समाज से नस्लवाद को खत्म किये बिना खेल के मैदान से इस समस्या को खत्म करना संभव नहीं है। अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की श्वेत पुलिस अधिकारी की बर्बरता से जान लेने के बाद अमेरिका समेत पूरी दुनिया में नस्लवाद को खत्म करने को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। होल्डिंग ने कहा, ‘‘आपको क्रिकेट के मैदान में तब तक नस्लवाद देखने को मिलेगा जब तक आप इसे समाज से खत्म नहीं करेंगे।’’
होल्डिंग ने रविवार को इंस्टाग्राम पर एक चैट कार्यक्रम में कहा, ‘‘आपको लगभग हर जगह नस्लवाद देखने को मिलेगा, लोग क्रिकेट के मैदान, फुटबॉल के मैदान में इसका इस्तेमाल करेंगे। आप सिर्फ खेलों के जरिये नस्लवाद खत्म नहीं कर सकते, आपको इसे समाज से खत्म करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘समाज के लोग ही मैदान में ऐसा व्यवहार करते है। खेल में नियम कानून हो सकता है लेकिन समाज में लोगों को समझना होगा कि यह अस्वीकार्य है।’’
गौरतलब है कि वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डेरेन सैमी ने 2 जून को ICC से नस्लवाद के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर ICC ऐसा नहीं करता तो वह इस समस्या का हिस्सा कहलाने के लिये तैयार रहें।
सैमी ने ट्विटर पर सिलसिलेवार पोस्ट में अश्वेतों की समस्याओं के बारे में लिखा,‘‘ताजा वीडियो देखने के बाद इस समय अगर क्रिकेट जगत अश्वेतों पर हो रही नाइंसाफी के खिलाफ खड़ा नहीं होगा तो उसे भी इस समस्या का हिस्सा माना जायेगा।’’
सैमी ने कहा कि नस्लवाद सिर्फ अमेरिका में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अश्वेतों को झेलना पड़ता है। उन्होंने सवाल दागा,‘‘आईसीसी और बाकी सभी बोर्ड को क्या दिखता नहीं है कि मेरे जैसे लोगों के साथ क्या होता है। मेरे जैसे लोगों के साथ हो रही सामाजिक नाइंसाफी क्या नजर नहीं आती।’’
सैमी के बाद गेल ने भी इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी। गेल ने कहा कि नस्लभेद सिर्फ फुटबाल में नहीं है बल्कि क्रिकेट में भी है। गेल ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, "अश्वेत लोगों की जिंदगी भी दूसरों की जिंदगी की तरह मयाने रखती है। अश्वेत लोग मायने रखते हैं (ब्लैक लाइव्स मैटर)। नस्लभेदी लोग भाड़ में जाएं।"
(With PTI inputs)