न्यूजीलैंड ने अपने दो सबसे अनुभवी बल्लेबाजों रोस टेलर और कप्तान केन विलियमसन की प्रतिबद्ध पारियों से भारत को आठ विकेट से हराकर पहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का खिताब जीता। पहले और चौथे दिन का खेल बारिश की भेंट चढ़ने के कारण मैच छठे दिन तक खिंचा जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने सुरक्षित दिन रखा था।
न्यूजीलैंड ने इसका पूरा फायदा उठाया। पहले उसके गेंदबाजों ने भारत को दूसरी पारी में 170 रन पर समेट दिया और बाद में टेलर (100 गेंदों पर नाबाद 47) और विलियमसन (89 गेंदों पर नाबाद 52) की उत्कृष्ट पारियों से दो विकेट पर 140 रन बनाकर इतिहास रच दिया। शीर्ष बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन भारत की हार का कारण बना जिससे उसका आईसीसी ट्रॉफी जीतने का इंतजार भी लंबा खिंच गया।
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रविचंद्रन अश्विन (17 रन देकर दो) ने न्यूजीलैंड के दोनों सलामी बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा लेकिन टेलर और विलियमसन ने तीसरे विकेट के लिये 96 रन की अटूट साझेदारी निभाकर टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया। इस जीत से न्यूजीलैंड ने दो साल पहले वनडे विश्व कप में मिली निराशा को भी पीछे छोड़ दिया। तब फाइनल टाई रहने पर कम बाउंड्री लगाने के कारण वह इंग्लैंड से खिताब गंवा बैठा था।
न्यूजीलैंड ने सहज शुरुआत की। डेवोन कॉनवे (47 गेंदों पर 19) और टॉम लैथम (41 गेंदों पर नौ) ने पहले विकेट के लिये 33 रन जोड़े। अश्विन ने इन दोनों को पवेलियन भेजकर भारतीय खेमे में जोश भरा। लैथम को उन्होंने टर्न से चकमा देकर स्टंप कराया जबकि कॉनवे को पगबाधा आउट किया। अब न्यूजीलैंड दो अनुभवी बल्लेबाज विलियमसन और रोस टेलर क्रीज पर थे। टेलर ने शमी पर खूबसूरत चौके से शुरुआत की और फिर अश्विन पर दो चौके लगाकर स्पिन खेलने के अपने कौशल का नमूना पेश किया।
इशांत शर्मा पर लगाया गया उनका स्क्वायर कट दर्शनीय था तो विलियमसन ने रविंद्र जडेजा के सामने इसे दोहराया। कीवी कप्तान इसके बाद अधिक खुलकर खेले और उन्होंने अपनी कलात्मक बल्लेबाजी का अच्छा नमूना पेश किया। टेलर जब 26 रन पर थे तब चेतेश्वर पुजारा ने जसप्रीत बुमराह की गेंद पर पहली स्लिप में उनका आसान कैच छोड़ा। विलियमसन को भी मोहम्मद शमी की गेंद पर जीवनदान मिला जिसका फायदा उन्होंने अगली गेंद पर चौके से अर्धशतक पूरा करके मनाया।
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टेलर ने शमी पर विजयी चौका लगाया। शमी, बुमराह और अश्विन ने टुकड़ों में अच्छी गेंदबाजी की लेकिन वे मिलकर दबाव बनाने में नाकाम रहे। इससे पहले टिम साउदी (48 रन देकर चार), ट्रेंट बोल्ट (39 रन देकर तीन) और काइल जैमीसन (30 रन देकर दो) ने शुरू से बल्लेबाजों पर दबाव बनाकर भारत का न्यूजीलैंड के सामने बड़ा लक्ष्य रखने के इरादों पर पानी फेर दिया। भारत की तरफ से ऋषभ पंत ने ढाई घंटे क्रीज पर बिताकर 88 गेंदों पर सर्वाधिक 41 रन बनाये। रोहित शर्मा (30) और शुभमन गिल (आठ) की सलामी जोड़ी के कल शाम को पवेलियन लौटने के बाद भारत ने अपने तीनों भरोसेमंद बल्लेबाजों कप्तान विराट कोहली (29 गेंदों पर 13 रन), पुजारा (80 गेंदों पर 15 रन) को और उप कप्तान अंजिक्य रहाणे (40 गेंदों पर भी 15) के विकेट सुबह के सत्र में ही गंवा दिये।
ऐसे में पंत ने जिम्मेदारी संभाली लेकिन दूसरे छोर से विकेट गिरने का दबाव उन पर साफ दिख रहा था। उन्होंने अपनी पारी में चार चौके लगाये। वह आखिर में बोल्ट की गेंद को सीमा रेखा पार भेजने के प्रयास में हवा में लहरा गये और हेनरी निकोल्स ने लंबी दौड़ लगाकर उसे कैच में बदल दिया जो मैच का निर्णायक मोड़ साबित हो गया। बोल्ट ने इसी ओवर में अश्विन (सात) को स्लिप में कैच कराया जबकि साउदी ने शमी (13) और जसप्रीत बुमराह को एक ओवर में आउट करके भारतीय पारी का अंत किया।
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भारत ने इससे पहले दूसरे सत्र के शुरू में जडेजा (13) का विकेट गंवाया था जिन्हें नील वैगनर (44 रन देकर एक) ने बी जे वाटलिंग के हाथों कैच कराया जो उंगली में चोट के बावजूद अपने आखिरी मैच में मैदान पर उतरे थे। भारत ने सुबह दो विकेट पर 64 रन से आगे खेलना शुरू किया लेकिन जैमीसन ने कोहली और पुजारा को आउट करके दबाव बना दिया।
जैमीसन की ऑफ स्टंप से बाहर जाती अतिरिक्त उछाल वाली गेंद पर भारतीय कप्तान ने वाटलिंग को आसान कैच थमाया। पुजारा फिर से यह तय करके क्रीज पर उतरे थे कि उन्हें रन नहीं बनाने हैं। दबाव भी था और ऐसे में जैमीसन की कोण लेती गेंद से पुजारा अपना बल्ला हटाना चाहते थे लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाये और रोस टेलर को आसान कैच दे बैठे। भारत का स्कोर चार विकेट पर 72 रन हो गया। रहाणे ने पंत के साथ 37 रन जोड़े। इसमें बायें हाथ के बल्लेबाज पंत का योगदान अधिक रहा। रहाणे ने इसके बाद ट्रेंट बोल्ट (37 रन देकर एक विकेट) की गेंद को फ्लिक करने के प्रयास में विकेट के पीछे कैच दिया।