भारतीय टेस्ट टीम के विकेट कीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा ने रविवार को भारतीय टीम के साथी खिलाड़ी ऋषभ पंत के साथ अपने संबंधों पर चुप्पी तोडी है। टेस्ट क्रिकेट से महेंद्र सिंह धोनी के रिटायरमेंट लेने के बाद साह को भारतीय टीम के लिए विकेट कीपिंग करने का मौका मिला था। साह भारत के लिए काफी अच्छा कर रहे थे, लेकिन 2018 में आईपीएल के दौरान उन्हें कंधें में चोट लग गई जिसके बाद ऋषभ पंत की टीम में एंट्री हुई।
पंत ने भारत के लिए इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विकेट कीपिंग की। इस दौरान उन्होंने कुछ रिकॉर्ड भी बनाए साथ ही बल्ले से भी उन्होंने खूब सुर्खियां बटौरी। पंत ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दोनों सीरीज में शतक लगाए थे। पंत के इस प्रदर्शन के बाद यह सवाल खड़े होने लगे कि इन दोनों में भारत के विकेट कीपिंग के रूप में पहली पसंद कौन होगा। यहीं से दोनों खिलाड़ियों के बीच कॉम्पीटशन शुरू हुआ, लेकिन साहा का कहना है कि ऐसा नहीं है वह दोस्तों की तरह ही रहते हैं।
एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में साहा ने कहा "जब एनसीए में मेरा रिहैब चल रहा था तब मेरे फिजियो ने मुझे बताया कि टीम मैनेजमेंट मेरी फिटनेस के बारे में पूछ रहे हैं। मैं बचपन से ही प्रेरित व्यक्ति रहा हूं। मैं ज्यादा चिंता नहीं करता हूं जब मैं अच्छा नहीं परफॉर्म कर रहा होता हूं। मैंने पंत को मैसेज करके उसकी सराहना की थी जब उसने इंग्लैंड में शतक लगाया था।"
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इसके आगे साहा ने कहा "जब वह (पंत) एनसीए में आया था तो उसने मुझे इंग्लैंड में स्विंग गेंदबाजी में विकेटकीपिंग की मुश्किलों के बारे में बताया था। ऐसा नहीं है कि मैं उससे यह कहकर बात नहीं करता की तू खेल रहा है और मैं बाहर बैठा हूं तो मैं तेरे से बात नहीं करूंगा। हम अच्छे दोस्त है और हम प्ले स्टेशन में गेम भी एक साथ खेलते हैं।"
धोनी के रिप्लेसमेंट के बारे में उन्होंने कहा "मैं धोनी को रिप्लेस नहीं कर सकता। मुझे तब मौका मिला जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट खेलना छोड़ा। मैंने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू तब किया जब वीवीएस लक्ष्मण की उंगली में चोट लगी थी। रोहित शर्मा को उनके रिप्लेसमेंट के तौर पर बुलाया गया था क्योंकि उन्होंने बोर्ड प्रेसिडेंट के मैच में शतक लगाया था।"
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धोनी के बारे में साहा ने कहा "उनकी विकेट कीपिंग, बैटिंग स्टाइल, सेकंड में स्टंप करना काफी चीजें है उनसे सीखने के लिए। वह मेरे से 2-4 साल बढ़े हैं। मुझे पता था कि धोने खेल रहे हैं तो मुझे मौका नहीं मिलेगा। कोई भी बाहर नहीं बैठना चाहेगा लेकिन जब तक धोनी टीम में तब तक कोई विकल्प नहीं है। तो, मैंने जितना हो सके सीखा और मौका मिलने पर परफॉर्म किया।"