इंग्लैंड ने जहाँ हाल ही में क्रिकेट खेल का सबसे बड़ा टाइटल विश्व कप जीता वहीं दूसरी तरफ दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश रूस ने क्रिकेट को खेल मानने से इंकार कर दिया है। इस तरह पूरी दुनिया में 250 करोड़ से ज्यादा लोगो द्वारा देखे जाने वाले क्रिकेट खेल की गरिमा को रूस ने गहरी चोट पहुंचाई हैं।
रूस के खेल मंत्रालय के अनुसार उनके देश में क्रिकेट को लेकर क्षेत्रीय संबद्धता की कमी है जो आने वाले समय में जल्द ही बदल सकती है लेकिन अभी क्रिकेट को खेल नहीं माना जा सकता है। जिसके पीछे का कारण दरअसल रूस में बहुत कम क्रिकेट खेला जाता है, विश्वविद्यालयों में भी अधिकतर भारतीय छात्र ही इसे खेलते हैं। जबकि कोई भी रूसी मूल का छात्र इस खेल में हाथ नहीं आजमाता।
बता दें कि रूस में फिलहाल फूटगोल्फ, स्पोर्ट्स योगा, मॉडल प्लेन फ्लाइंग और डार्ट्स जैसे खेलों को ही अधिकारिक तौर पर खेल माना जाता है।
क्रिकेट को विश्व की आबादी का तिहाई हिस्सा पसंद करता है और देखता है। जिसमें सबसे ज्यादा आबादी वाले देश की ओर अग्रसर भारत में लोग इस खेल की पूजा तक करते हैं। मगर ये कड़वा सच है कि क्रिकेट फुटबॉल की तरह पूरे विश्व में अभी तक नहीं फैला पाया है जिसके लिए इसकी अंतराष्ट्रीय संस्था आईसीसी प्रयासरत है।