6. 193 का स्कोर बहुत अच्छा स्कोर था लेकिन धोनी के पास संकट की घड़ी के लिए प्लान-2 था ही नहीं। शायद धोनी को लगा कि अगर वे स्कोर 180+ कर देंगे तो मैच खुद ब ख़ुद झोली में आ गिरेगा।
7. हमने सेमीफ़ाइनल तक का सफ़र कोहली एक्सप्रेस पर सवार होकर किया। हम न्यूज़ीलैंड से हारे जिसने एक मामूली सा स्कोर डिफेंड कर लिया। हम बांग्लादेश से भी हार ही गए थे लेकिन भला हो उनकी अनुभवहीनता का कि वो तीन बॉल में दो रन नहीं बना सके।
अब अगर इस रौशनी में हम टीम इंडिया की हार को देखें तो क्या कहीं गमजदा होने की गुंजायश बनती है...?