2. हम भारतीय यारबाश होते हैं यानी सब चीज़ें एक तरफ और यारी-दोस्ती एक तरफ। अगर ऐसा न होता तो धोनी की टीम में रैना और जडेजा कैसे होते...? रैना के लिए बेहतर होगा कि वह टीम से (खेल से नहीं) ज़रा कुछ समय सन्यास लेकर ऑलराउंडर कैसे बना जाता है इसकी ट्रेनिंग लें। जडेजा साबह तो ख़ैर ''सर जडेजा'' हैं, उनका क्या कहना। यहां ये दावे के साथ कहा जा सकता है कि गावस्कर और कपिल जैसे महान खिलाड़ियों ने सपने में भी ख़ुद को सर बुलाने की हिम्मत नहीं की होगी। बेहतर होगा कि आप सुलेमान बेन की गेदबाज़ी का वीडियो देखें और सीखें कि एक ठीक-ठाक पिच पर बॉलिंग कैसे की जाती है।
अश्विन का सही इस्तेमॉल नहीं हुआ ? जानें आगे