क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट विश्व कप में हर देश खेलना चाहता है। हर कोई चाहता है कि वो इस खेल की सबसे बड़ी प्रतियोगिता जीतकर दुनियाभर में अपना डंका बजवाए। हालांकि आईसीसी ने पहले ही तय कर दिया था कि 2019 में होने वाले विश्व कप में सिर्फ 10 देश ही भाग लेंगे। मेजबान देश समेत 8 देश पहले ही तय हो चुके हैं और 2 स्थानों के लिए 10 देश विश्व कप क्वालीफायर के जरिए विश्व कप में खेलने का सपना पूरा करेंगे।
नीदरलैंड्स भी उन्हीं देशों में से एक है जो 2019 का विश्व कप खेलने का सुनहरा सपना आंखों में संजोय बैठा है। हालांकि वो ये बखूबी जानता है कि उनके लिए राह बिल्कुल भी आसान नहीं रहेगी। टीम को उम्मीद है कि वो इस बार दुनिया को दिखा देंगे कि वो 13वीं टीम नहीं हैं। टीम के कप्तान, कोच समेत टीम मैनेजमेंट को पूरी उम्मीद है कि विश्व कप क्वालीफायर में नीदरलैंड बेहतरीन खेल दिखाएगा।
टीम के कप्तान पीटर बॉरेन ने कहा, 'इस बार हमारे पास मौका है कि हम दुनिया को बता सकें कि हम 13वीं टीम से कहीं ज्यादा हैं। हमारे लिए खुद को साबित करने का ये बेहतरीन मौका और मंच है।' नीदरलैंड्स के कोच रेयान कैंपबेल भी टीम के शानदार प्रदर्शन की उम्मीद जता रहे हैं। फुटबॉल के लिए पागल नीदरलैंड्स देश में क्रिकेट की लोकप्रियता अभी उतनी नहीं है जितने दुनिया के बाकी देशों में है। बोर्ड के अधिकारी एलेक्स डी ला मार ने कहा, 'ऐसा इसलिए है क्योंकि हमें फुटबॉल से टक्कर लेनी पड़ती है।'
नीदरलैंड्स में युवा क्रिकेट और फुटबॉल दोनों के साथ पलते-बढ़ते हैं लेकिन फुटबॉल में ज्यादा मौकों के कारण वो बाद में उस खेल से जुड़ जाते हैं। हालांकि अगर नीदरलैंड की टीम क्वालीफायर के जरिए अगले विश्व कप में जगह बनाने में कामयाब होती है तो उनके देश में क्रिकेट को एक नई पहचान मिल सकती है।