लंदन। इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन का मानना है कि अपनी ‘बल्लेबाजी रणनीति’ पर कायम नहीं रहने के कारण उन्हें विश्व कप में श्रीलंका और आस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार दो मैचों में हार का सामना करना पड़ा जिससे टूर्नामेंट से पूर्व प्रबल दावेदार मानी जा रही टीम की सेमीफाइनल में जगह बनाने की राह मुश्किल हो गई है।
इंग्लैंड की टीम ने इससे पूर्व घरेलू सरजमीं पर 2015 से लगातार दो मैच नहीं गंवाए थे। टीम इसके बावजूद हेडिंग्ले में श्रीलंका के खिलाफ 233 रन के लक्ष्य को हासिल करने के नाकाम रही जबकि लार्ड्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसे 64 रन से हार झेलनी पड़ी।
ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान आरोन फिंच (100) के शतक की बदौलत सात विकेट पर 285 रन बनाए थे। बायें हाथ के तेज गेंदबाजों जेसन बेहरेनडोर्फ और मिशेल स्टार्क ने इसके बाद मिलकर नौ विकेट चटकाए जिससे इंग्लैंड की टीम 221 रन पर ढेर हो गई।
इंग्लैंड के कप्तान मोर्गन ने मंगलवार को यहां टीम की हार के बाद कहा, ‘‘इस मैच में और पिछले मैच में, हमें अपनी बल्लेबाजी रणनीति के मूल पहलुओं को लेकर जूझना पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मजबूत जज्बा, साझेदारियां निभाना और चीजों को अपने तरीके से अंजाम देना- हम इन चीजों को हम लंबे समय तक नहीं कर पाए जिससे कि 230 या 280 रन के लक्ष्य को हासिल कर पाते और यह निराशाजनक है।’’
स्टार्क और बेहरेनडोर्फ ने इंग्लैंड के शीर्ष क्रम को ध्वस्त किया जबकि इससे पहले घरेलू टीम के तेज गेंदबाज मददगार पिच पर सही लेंथ से गेंदबाजी करने में नाकाम रहे।
मोर्गन ने कहा, ‘‘शुरुआत में उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की। बेशक 20 रन पर तीन विकेट गंवाने से चुनौती बढ़ जाती है, विशेषकर 280 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए। मुझे लगता है कि उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की। हम रविवार को भारत के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन की कोशिश करेंगे।’’