नई दिल्ली। इंग्लैंड से लेकर अफगानिस्तान तक विश्व कप में भाग ले रही सभी दस टीमों में दो से लेकर चार अच्छे आलराउंडर हैं जो 30 मई से ग्रेट ब्रिटेन में शुरू होने वाले क्रिकेट महाकुंभ में अपनी टीमों के लिये ‘तुरूप का इक्का’ साबित हो सकते हैं।
विश्व कप के लिये 15 सदस्यीय टीम का चयन करते हुए प्रत्येक देश के चयनकर्ताओं ने आलराउंडर को तरजीह दी। भारतीय चयनकर्ताओं ने तो आलराउंडर विजय शंकर को पिछले कुछ समय से नंबर चार की भूमिका निभा रहे अंबाती रायुडु पर तवज्जो दी थी।
भारतीय टीम में वैसे हार्दिक पंड्या खतरनाक आलराउंडर हैं जिन्हें पूर्व क्रिकेटर भी तुरूप का इक्का मानकर चल रहे हैं। पंड्या ने हाल में समाप्त हुए आईपीएल में भी अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों से प्रभावित किया। इंग्लैंड की अनुकूल परिस्थितियों में उनकी गेंदबाजी कारगर साबित हो सकती है।
विजय शंकर और केदार जाधव टीम में बल्लेबाजी आलराउंडर की भूमिका निभाएंगे जबकि रविंद्र जडेजा गेंदबाजी आलराउंडर के तौर पर टीम के लिये ‘एक्स फैक्टर’ साबित हो सकते हैं।
मेजबान इंग्लैंड को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है तो इसका एक कारण उसकी टीम में चार ऐसे खिलाड़ियों का होना है जो बल्लेबाजी और गेंदबाजी में जरूरत पड़ने पर उपयोगी योगदान दे सकते हैं। इनमें बेन स्टोक्स विशुद्ध आलराउंडर हैं जो केवल बल्लेबाज या गेंदबाज के रूप में किसी भी टीम में जगह बना सकते हैं।
मोईन अली बल्लेबाजी आलराउंडर जबकि डेविड विली और टॉम कुरेन गेंदबाजी आलराउंडर के रूप में इंग्लैंड के लिये अहम साबित होंगे। इनके अलावा क्रिस वोक्स भी खुद को अच्छा गेंदबाजी आलराउंडर साबित करने में कसर नहीं छोड़ेंगे।
पाकिस्तान के पास फहीम अशरफ, मोहम्मद हफीज, इमाद वसीम और शादाब खान के रूप में अच्छे क्रिकेटर हैं जो खेल के दो महत्वपूर्ण विभागों में अच्छी भूमिका निभाने में सक्षम हैं। न्यूजीलैंड के पास जेम्स नीशाम अच्छे आलराउंडर हैं जबकि कोलिन डि ग्रैंडहोम और मिशेल सैंटनर गेंदबाजी आलराउंडर की भूमिका में नजर आएंगे।
बांग्लादेश के पास शाकिब अल हसन के रूप में बेहतरीन आलराउंडर है जो बायें हाथ की अपनी स्पिन की मारक शक्ति से बल्लेबाजों को परेशान करने के अलावा बल्ले से भी बड़ा स्कोर खड़ा करने की क्षमता रखते हैं। उनके अलावा महमुदुल्लाह बल्लेबाजी आलराउंडर हैं जबकि मोहम्मद सैफुद्दीन, कप्तान मशरेफी मुर्तजा और मेहदी हसन गेंदबाजी आलराउंडर में उपयोगी साबित हो सकते हैं।
वेस्टइंडीज तो आलराउंडर का गढ़ है। कप्तान जैसन होल्डर, आंद्रे रसेल और कार्लोस ब्रेथवेट अपनी बल्लेबाजी या गेंदबाजी किसी के दम पर भी टीम को जीत दिला सकते हैं। रसेल ने हाल में आईपीएल में अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से खासा प्रभाव छोड़ा। क्रिस गेल अभी बल्लेबाजी पर ध्यान दे रहे हैं लेकिन जरूरत पड़ने पर वह अपनी कामचलाऊ आफ स्पिन का भी कमाल दिखा सकते हैं।
श्रीलंका की टीम को हाल के प्रदर्शन के कारण थोड़ा कमजोर आंका जा रहा है लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि इस टीम में धनंजय डिसिल्वा, जीवन मेंडिस, एंजेलो मैथ्यूज, तिसारा परेरा, मिलिंदा सिरीवर्धने और इसुरू उदाना जैसे आलराउंडर हैं। अफगानिस्तान की टीम को छुपा रूस्तम माना रहा है और उसका कारण टीम में मोहम्मद नबी, कप्तान गुलबदीन नैब, रहमत शाह और शमीउल्लाह शेनवारी जैसे आलराउंडरों की मौजूदगी है।
आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका ने विशेषज्ञ बल्लेबाजों और विशेषज्ञ गेंदबाजों पर अधिक भरोसा दिखाया है लेकिन इन दोनों टीमों में कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो दोनों प्रमुख विभागों में अपना योगदान दे सकते हैं। आस्ट्रेलिया के पास ग्लेन मैक्सवेल और मार्कस स्टोइनिस के रूप में बल्लेबाजी आलराउंडर हैं। दक्षिण अफ्रीकी टीम में जीन पॉल डुमिनी और क्रिस मौरिस यही भूमिका निभाएंगे।