नई दिल्ली। पाकिस्तान ने जब 2017 में जब भारत को हराकर चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था, तब लगा था कि इस टीम का नया दौर शुरू हो रहा है और 2019 विश्व कप में यह टीम एक मजबूत दावेदार के रूप में इंग्लैंड वापस आएगी। दो साल बीत गए लेकिन पाकिस्तान मजबूत दावेदार के रूप में इंग्लैंड नहीं आई है हां वह एक ऐसी टीम के रूप में जरूर आई है जो उलटफेर कर सकती है।
चैम्पियंस ट्रॉफी की जीत के बाद से पाकिस्तान से इस प्रदर्शन को बरकरार रखने की उम्मीद थी, लेकिन हुआ उम्मीदों से उलट। टीम ने चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद से आठ सीरीज खेलीं लेकिन सिर्फ दो सीरीज ही जीत सकी वो भी श्रीलंका और जिम्बाब्वे जैसी टीमों के खिलाफ।
सरफराज अहमद की कप्तानी वाली यह टीम विश्व कप में कमजोर टीमों में गिनी जा रही है। एक समय अपने गेंदबाजी आक्रमण के कारण विश्व क्रिकेट में दबदबा कायम करने वाली इस टीम के पास मौजूदा समय में कोई ऐसा गेंदबाज नहीं है जो असरदार कहा जा सके।
वहाब रियाज और मोहम्मद आमिर को विश्व कप के लिए जरूर टीम में बुलाया गया है, लेकिन इन दोनों की हालिया फॉर्म को लेकर शंका रही है। हां, अनुभव होने के नाते यह टीम के लिए अहम भू्मिका निभा सकते हैं। अनुभव के कारण ही यह दोनों टीम के गेंदबाजी आक्रमण की बागडोर संभालेंगे।
इनके अलावा हसन अली, शाहीन अफरीदी और मोहम्मद हसनेन के रूप में पाकिस्तान के पास तीन और तेज गेंदबाज हैं। हसन ने चैम्पियंस ट्रॉफी में अच्छा किया था और उसके बाद भी कुछ सीरीजों में बेहतरीन प्रदर्शन किया था लेकिन वह राह भटके खिलाड़ी हैं। अगर वह फॉर्म में आ गए तो दूसरी टीमों के लिए सिरदर्द होंगे। अफरीदी ने भी अपनी शुरुआती सीरीज में अच्छा किया था, लेकिन वह भी निरंतरता नहीं दिखा पा रहे हैं।
इन पाचों में सबसे युवा मोहम्मद हसनेन हैं जिन्होंने पाकिस्तान के लिए सिर्फ पांच वनडे खेले हैं। उन्होंने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में पदार्पण करने का मौका मिला था।
स्पिन में टीम के पास मोहम्मद हफीज, इमाद वसीम और शादब खान है। हफीज के पास विश्व कप खेलने का अनुभव भी है और वह सिर्फ स्पिन में नहीं बल्लेबाजी में टीम की धुरी हैं। हफीज के अलावा शादाब टीम के लिए बेहद अहम हैं।
बल्लेबाजी में पाकिस्तान के पास प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नहीं है। फखर जमन का चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में लगाया गया शतक बता चुका है कि वह कितना दम रखते हैं। वहीं बाबर आजम टीम के मुख्य बल्लेबाज हैं। बाबर ने अभ्यास मैच में भी अच्छी बल्लेबाजी की थी। इन दोंनों पर टीम की बल्लेबाजी निर्भर करेगी।
इमाम उल हक और आसिफ अली में भी बड़ी पारी खेलने की प्रतिभा है लेकिन इंग्लैंड की परिस्थतियां इनके लिए चुनौती रहेंगी।
बल्लेबाजी में टीम के पास गेंदबाजी से ज्यादा अनुभव है। शोएब मलिक और हफीज जानते हैं कि टीम को कैसे खेलाना है और मुश्किल समय में टीम को कैसे बाहर निकालाना है। हालिया दौर में भी यह देखा गया है कि यह दोनों पाकिस्तान को संभालते आए हैं। विश्व कप में इन दोनों की जिम्मेदारियां बढ़ जाएंगी।
इस टीम की सबसे बड़ी कमजोरी फिल्डिंग है। मिकी आर्थर जब से कोच बने हैं तब से उन्होंने इस बात पर जोर दिया है लेकिन सुधार नहीं हो पाया है। इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में पाकिस्तान को 0-5 से शिकस्त मिली है। इस सीरीज में भी टीम की फिल्डिंग के बारे में काफी कुछ कहा गया।
विश्व कप जैसे टूर्नामेंट में एक कैच छूटना भी खिताब से दूर कर सकता है इस बात को सभी बहुत अच्छे से जानते हैं। ऐसे में यहां रातों-रात बदलाव हो इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती लेकिन फिर भी टीम प्रबंधन चाहेगा कि टीम फालतू रन जाया न करे और रेग्यूलर कैच तो पकड़े।
वैसे तो पाकिस्तान को कोई भी रेस में नहीं देख रहा है लेकिन युवाओं से सजी इस टीम को कोई भी हल्के में नहीं ले रहा होगा। युवा जोश कुछ भी कर सकता है इस बात से दूसरी टीमों को वाकिफ रहना होगा क्योंकि पाकिस्तान ने यह बात चैम्पियंस ट्रॉफी में बताई थी।
टीम : सरफराज खान (कप्तान/विकेटकीपर), फखर जमन, इमाम-उल-हक, बाबर आजम, आसिफ अली, शोएब मलिक, मोहम्मद हफीज, हारिश सोहेल, शादाब खान, इमाद वसीम, शाहीन अफरीदी, हसन अली, मोहम्मद हसनेन, वहाब रियाज, मोहम्मद आमिर।