आईसीसी विश्व कप 2019 के फाइनल मैच में सुपर ओवर के दौरान न्यूजीलैंड को जीत के लिए 16 रन चाहिए थे। ऐसे में रोमांच से भरे इस मैच में जैसे ही न्यूजीलैंड के धाकड़ ऑल राउंडर खिलाड़ी जिमी नीशम ने छक्का मारा, उसी समय ऑकलैंड स्थित ग्रामर स्कूल के पूर्व शिक्षक और कोच डेविड जेम्स गॉर्डन ने अपनी आखिरी सांस ली।
14 जुलाई को खेले गए इस फाइनल में जहां इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को बाउंड्री का आधार पर हराकर अपना पहला विश्व कप खिताब जीता था। वहीं लगातार 2015 के बाद दूसरी बार फाइनल में भी न्यूजीलैंड को हार का मूहं देखना पड़ा। गौरतलब है कि 50 ओवर का मैच और सुपर ओवर टाई होने के बाद किवी टीम इंग्लैंड से कम बाउंड्री लगाने की वजह से हार गई। जिसके बाद से इस नियम को चारों तरफ जमकर आलोचना हो रही है।
जिमी नीशम के कोच गॉर्डन की बेटी लियोनी ने कहा कि जिस क्षण नीशम ने 16 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सुपर ओवर की दूसरी गेंद पर छक्का लगाया, उनके पिता की सांसें रुक गईं।
'स्टफ डॉट को डॉट एनजेड' के मुताबिक, लियोनी ने कहा, "सुपर ओवर के दौरान एक नर्स आई और उन्होंने कहा कि मेरे पिता की सांसें बदल रही है। मैं समझती हूं कि नीशम ने छक्का मारा और मेरे पिता ने आखिरी सांसें ली।"
लियोनी ने कहा, 'उनका सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का था और वह बहुत ही जीवंत इंसान थे और उन्हें ये जानकर खुशी होती कि उन्होंने (नीशम) ऐसा किया है।'
दूसरी तरफ विश्व कप हारने के बाद न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर जिमी नीशम ने अपने कोच को गुरुवार को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, 'डेव गॉर्डन, मेरे हाई स्कूल टीचर, कोच और दोस्त। इस खेल के प्रति आपका प्यार प्रभावी था, खौसतार पर हम जैसे लोगों के लिए जिन्हें आपके अंडर खेलने का सौभाग्य मिला। आप ऐसे मैच के बाद क्या प्रतिक्रिया देते, उम्मीद है कि आपको गर्व होता। हर चीज के लिए शुक्रिया।'
नीशम के ट्वीट पर लियोनी ने खुशी जाहिर की और कहा कि उनके पिता को भी नीशम पर गर्व था। उन्होंने कहा, 'ये प्यारा था, वह जिमी के संपर्क में थे और वह जिमी के पिता के दोस्त थे। उनके दिल में जिमी लिए काफी बड़ा स्थान था। वह उन पर बहुत गौरवान्वित थे।'
बता दें कि गॉर्डन ने जिमी नीशम, लॉकी फर्ग्युसन समेत कई हाई स्कूल स्टूडेंट्स को ऑकलैंड ग्रामर स्कूल में शिक्षक और क्रिकेट और हॉकी कोच के तौर पर अपने 25 साल के कार्यकाल के दौरान कोचिंग दी थी। जो इस समय न्यूजीलैंड की टीम का प्रमुख हिस्सा है।