आज ही के दिन न्यूजीलैंड के हाथों सेमीफाइनल में मिली हार के बाद भारत का वर्ल्ड कप 2019 जीतने का सपना चकना-चूर हुआ था। न्यूजीलैंड के खिलाफ उस मैच में भारत को जीत की ओर ले जा रहे महेंद्र सिंह धोनी को मार्टिन गप्टिल ने रन आउट कर हर किसी की आंखे नम कर दी थी। मैदान पर अपनी भावनाओं को छिपा कर रखने वाले धोनी की आखों में भी इस रनआउट का दर्द देखने को मिला था।
इस हार को एक साल का समय हो गया है, लेकिन भारतीय फैन्स और खिलाड़ियों में इसका दर्द आज भी ताजा है। टीम इंडिया के हरफनमौला खिलाड़ी रविंद्र जड़ेजा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर वर्ल्ड कप 2019 की एक तस्वीर शेयर करते हुए इसे सबसे बुरे दिनों में से एक बाताया।
जडेजा ने उस मैच की एक फोटो पोस्ट कर लिखा है, "हमने अपनी पूरी कोशिश की थी, लेकिन कम पीछे रह गए। सबसे बुरे दिनों में से एक।"
भारत और न्यूजीलैंड के बीच विश्व कप का पहला सेमीफाइनल मुकाबला ओल्ड ट्रैफर्ड में खेला गया था। न्यूजीलैंड की टीम इस मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और भारत को जीत के लिए 240 रनों का लक्ष्य दिया। हालांकि मैच में बारिश ने खलल डाली और इसे रिजर्व डे में पूरा किया गया।
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पूरे विश्व कप में अपनी बल्लेबाजी से धमाल मचाने वाले भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर बल्लेबाज न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के सामने सस्ते में निपट गए। भारतीय टीम को सबसे पहला झटका रोहित शर्मा के रूप में लगा और सिर्फ एक रन बनाकर मैट हैनरी का शिकार बने।
वहीं दूरी छोड़ से गेंदबाजी कर रहे ट्रेंट बोल्ट ने कप्तान विराट कोहली (1) एलबीडबल्यू आउट कर भारतीय टीम को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया। इसके बाद हैनरी ने केएल राहुल (1) के रूप में भारत को तीसरा झटका दिया। टॉप के तीन बल्लेबाज सस्ते में आउट होने के बाद टीम इंडिया पूरी तरह से बैकफुट पर आ चुकी थी।
मध्यक्रम में ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक ने भारतीय पारी को संभालने की कोशिश पहल की लेकिन हैनरी ने कार्तिक (6) को आउट कर इस जोड़ी को तोड़ दिया। इसके बाद हार्दिक पंड्या कुछ समय के लिए क्रिज पर डटे रहे और पंत का साथ निभाया।
इस समय तक भारतीय टीम महज 24 रन पर अपने पांच विकेट गंवा चुकी थी। हालांकि पंत और पंड्या के बीच पांचवे विकेट के लिए 47 रनों की साझेदारी हुई। इससे पहले की यह दोनों बल्लेबाज भारतीय पारी को मजबूत स्थिति में ला पाते मिचेल सेंटनर ने पंत (32) को आउट कर भारत को पांचवा झटका दे दिया।
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वहीं पंड्या भी 32 रन बनाकर सेंटनर का ही शिकार बने। इस तरह भारत 100 रन के भीतर अपने 6 विकेट गंवा दए। अब यहां से जिम्मेदारी महेंद्र सिंह धोनी और रवींद्र जेडजा के कंधे पर आ गई। दवाब भरे परिस्थिति में दोनों ही खिलाड़ियों ने भारतीय पारी को धीरे-धीरे आगे बढ़ाना शुरू किया।
इसके बाद जैसे ही जडेजा ने क्रिज पर अपने पैर जमा लिए उसके बाद उन्होंने न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के खिलाफ बड़े-बड़े शॉटल लगाना शुरू कर दिया। वहीं दूसरी छोर से धोनी सधी हुई बल्लेबाजी करने में लगे हुए थे।
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धोनी और जडेजा की यह रणनीति काम कर गई और मैच में भारतीय टीम की वापसी हो गई। वहीं जडेजा अपना आक्रमक खेल जारी रखे हुए थे और इस बीच उन्होंने अपना अर्द्धशतक भी पूरा किया लेकिन दुर्भाग्य से बोल्ट की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में वे 77 रन बनाकर आउट हो गए। इस विकेट के साथ ही भारतीय टीम एक बार फिर से दवाब में आ गई।
आउट होने से पहले जडेजा ने धोनी के साथ मिलकर 116 रनों की साझेदारी कर दी थी लेकिन भारतीय टीम को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब मार्टिन गुप्टिल के शानदार थ्रो पर धोनी (50) रन आउट हो गए। इसके साथ ही भारतीय टीम की सभी उम्मीदें खत्म हो गई।
धोनी के आउट होने के बाद भारत को 9 गेंद में 24 रनों की जरुरत थी लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाजों में भुवनेश्वर कुमार (0), युजवेंद्र चहल (5) और जसप्रीत बुमराह (0) कुछ खास कमाल नहीं कर पाए और पूरी भारतीय टीम 49.3 ओवर में 221 रन बनाकर ऑलआउट हो गई और इसके साथ भारतीय टीम का विश्व कप 2019 में सफर यही पर रुक गया।
इस हार के साथ ही पूरी भारतीय टीम खिलाड़ियों पर मायुसी छा गई। वहीं यह आखिरी मौका था जब धोनी भारतीय टीम की जर्सी में नजर आए। विश्व कप सेमीफाइनल के बाद से धोनी इंटरनेशनल क्रिकेट से ब्रेक पर चले गए और अबतक उन्होंने वापसी नहीं की है।