पिछले दो-तीन सालों में देखा जाए तो टीम इंडिया की गेंदबाजी अपने शिखर पर है। जबकि बल्लेबाजी सबके लिए चिंता का सबब बनी हुई है जिसके चलते भारत को आईसीसी विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार झेलनी पड़ी। ऐसे में टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच भरत अरुण के तो टीम में बने रहने की संभावना है मगर बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ पर लगातार टीम इंडिया की बल्लेबाजी में संघर्ष के कारण उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना तय माना जा रहा है।
टीम इंडिया के हेड कोच, बल्लेबाजी कोच, गेंदबाजी कोच और फील्डिंग कोच की नियुक्ति कपिल देव की अध्यक्षता वाली नई क्रिकेट सलाहकार समिति करेगी। सूत्रों की मानें तो अरुण का रहना तय है क्योंकि सभी फॉर्मेट में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। जबकि संजय बांगड़ का जाना तय है।
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'पिछले 18 से 20 महीने से अरुण ने बहुत अच्छा काम किया है। मौजूदा भारतीय गेंदबाजी आक्रमण टेस्ट के लिए सर्वश्रेष्ठ है। मोहम्मद शमी फॉर्म में है और जसप्रीत बुमराह लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं जिसका श्रेय अरुण को जाता है। चयनकर्ताओं के लिए उनकी जगह किसी और को तरजीह देना मुश्किल होगा।'
बांगड़ के बारे में हालांकि ऐसा नहीं कहा जा सकता। कइयों का मानना है कि चार साल पद पर रहने के बावजूद वह मजबूत मध्यक्रम नहीं खड़ा कर सके। अधिकारी ने कहा, 'बांगड़ के आने से पहले भी रोहित शर्मा और विराट कोहली अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी सफलता में बांगड़ का कोई योगदान नहीं है। उनका काम मध्यक्रम को मजबूत बनाना था और वर्ल्ड कप में हमने देखा कि वह इसमें बुरी तरह नाकाम रहे।'
बता दें की टीम इंडिया में बतौर कोच काम करने के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जुलाई है जबकि सभी आवेदकों के साक्षात्कार अगस्त माह में होंगे।