लीड्स। भारत ने शनिवार को आईसीसी विश्व कप-2019 में अपने अंतिम लीग मैच में श्रीलंका को सात विकेट से मात दे विजयी क्रम जारी रखा। भारत की इस जीत के हीरो उसकी रोहित शर्मा और लोकेश राहुल की सलामी जोड़ी रही, जिन्होंने श्रीलंका को विजयी विदाई नहीं लेने दी।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका को एंजेलो मैथ्यूज (113) ने बेहतरीन पारी खेल संकट से निकालते हुए 50 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 264 रनों का सम्मानजनक स्कोर दिया। भारत ने राहुल और रोहित के शतकों के दम पर इस लक्ष्य को 43.3 ओवरों में तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया।
इस मैच में रोहित ने कुछ और रिकार्ड अपने नाम किए। रोहित ने 94 गेंदों पर 14 चौके और दो छक्कों की मदद से 103 रन बनाए। यह उनका इस विश्व कप में पांचवां शतक है। इसी के साथ वह एक विश्व कप में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने श्रीलंका के ही पूर्व कप्तान कुमार संगाकारा को पीछे किया जिनके नाम एक विश्व कप में चार शतक का रिकॉर्ड है।
रोहित साथ ही सचिन तेंदुलकर की बराबरी करने में भी सफल रहे। सचिन विश्व कप इतिहास में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने 1992 से 2011 तक छह विश्व कप में छह शतक जमाए हैं। रोहित ने इस सूची में सचिन के बराबरी का स्थान हासिल कर लिया है। उनके हिस्से कुल छह विश्व कप शतक हो गए हैं। इस विश्व कप में पांच शतक के अलावा उन्होंने 2015 में भी एक शतक जमाया था।
वहीं राहुल का यह पहला विश्व कप है और उनका यह पहला विश्व कप शतक भी है। रोहित और राहुल ने पहले विकेट के लिए 189 रन जोड़े और इसी के साथ विश्व कप में भारत के लिए पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी के अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा।
इन दोनों ने इससे पहले इसी विश्व कप में बर्मिघम में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच में पहले विकेट के लिए 176 रन जोड़े थे।
शतक पूरा करने के बाद रोहित, कासुन रचिथा की गेंद पर मिड ऑफ पर मैथ्यूज के हाथों लपके गए।
राहुल की पारी का अंत लसिथ मलिंगा ने किया। राहुल के विकेट के साथ ही मलिंगा विश्व कप इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में तीसरे स्थान पर आ गए। उन्होंने पाकिस्तन के वसीम अकरम को चौथे स्थान पर पहुंचा दिया। अकरम के 1987-2003 तक खेले गए पांच विश्व कप में कुल 55 विकेट हैं। 2007 में अपना पहला विश्व कप खेलने वाले मलिंगा ने राहुल को विश्व कप में अपना 56वां शिकार बनाया। उनसे आगे श्रीलंका के ही मुथैया मुरलीधरन (68) और आस्ट्रेलिया के ग्लैन मैक्सवेल (71) हैं। यह मलिंगा का आखिरी विश्व कप है।
राहुल ने 118 गेंदों का सामना कर 11 चौके और एक छक्का लगाया। ऋषभ पंत चार रन बना सके। जबकि कप्तान विराट कोहली 34 और हार्दिक पांड्या सात रन बनाकर नाबाद रहे।
इससे पहले, टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनने वाली श्रीलंका एक समय 55 रनों पर ही अपने चार विकेट खो चुकी थी, लेकिन अभी तक बल्ले से विफल होते आ रहे मैथ्यूज ने आखिरी मैच में टीम को संभाला सम्मानजनक स्कोर प्रदान किया।
वह 49वें ओवर की दूसरी गेंद जसप्रीत बुमराह का शिकार बने। मैथ्यूज ने 128 गेंदों का सामना कर 10 चौके और दो छक्कों की मदद से शतक जमाया।
मैथ्यूज को साथ मिला लाहिरू थिरिमाने का जिन्होंने 68 गेंदों पर आठ चौकों की मदद से 53 रनों की पारी खेली। इन दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 124 रनों की साझेदारी की। कुलदीप यादव ने थिरिमाने को आउट कर भारत को पांचवीं सफलता दिलाई।
इन दोनों की साझेदारी जमने से पहले कप्तान दिमुथ करुणारत्ने (10), कुशल परेरा (18), कुशल मेंडिस (3) और अविश्का फर्नाडो (20) पवेलियन लौट चुके थे। करुणारत्ने और परेरा की सलामी जोड़ी को जसप्रीत बुमराह ने पवेलियन में बैठाया। मेंडिस, रवींद्र जडेजा का शिकार बने और फर्नाडो का विकेट हार्दिक पांड्या के हिस्से आया।
छठा विकेट मैथ्यूज के रूप में गिरा। आखिरी ओवर में थिसारा परेरा दो के निजी स्कोर पर आउट हुए। धनंजय डी सिल्वा 29 रन बनाकर नाबाद लौटे। उनके साथ इसुरु उदाना एक रन पर नाबाद रहे।
भारत के लिए बुमराह ने तीन विकेट लिए। भुवनेश्वर, हार्दिक, जडेजा और कुलदीप को एक-एक विकेट मिला।