क्रिकेट के मैदान में जब-जब गेंदबाजों की गेंदे हवा में लहराती हुई स्विंग होती है तब-तब पाटा या सपाट विकटों पर रनों का अम्बार लगाने वाले भारतीय बल्लेबाजों का बल्ला बिलकुल खामोश पड़ जाता है। ठीक उसी तरह जैसे जंगल में शेर के आ जाने सभी जानवर दुबक कर छिप जाते हैं। कुछ ऐसे ही टीम इंडिया के टॉप आर्डर बल्लेबाज रोहित शर्मा, के.एल. राहुल और विराट कोहली कल कीवी गेंदबाजों के आगे विश्व कप के सेमीफाइनल मैच में ड्रेसिंग रूम में बैठे नजर आए। एक बार फिर जैसे ही टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर धडाम हुआ भारत को हार का मुहं देखना पड़ा। मगर क्रिकेट के मैदान में टीम इंडिया के साथ ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है बल्कि ये कहावत तो विश्व कप के पहले से सिद्ध होती आ रही थी कि भारत से मैच जीतना है तो आपको उनेक टॉप ऑर्डर को निशाना बनाना होगा। जिस पर न्यूजीलैंड ने अमल किया।
हालाँकि टॉप ऑर्डर में धाकड़ बल्लेबाज रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली ने अपनी बल्लेबाजी से कई मैच भारत को जीतवाए लेकिन दाल में काला पिछले दो सालों से चला आ रहा है। जब भी भारत को बड़े मैचों में अपने टॉप ऑर्डर की जरूरत पड़ी। इन्होने निराश किया। ऐसे में भारत का बल्लेबाजी मध्यक्रम तो पिछले कई सालो से आईसीयू में है जिसके ठीक होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं।
पाकिस्तान के खिलाफ शुरू हुआ सिलसिला
साल 2017 चैम्पियंस ट्राफी में कही ना कही पाकिस्तान के शानदार बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने इस बड़े दिन की हार का ट्रेलर पहले ही इंग्लैंड में चैम्पियंस ट्राफी के फाइनल में दिखा दिया था। उस दिन भी भारत के तीन टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज 33 रन पर पवेलियन जा चुके थे। जिसके बाद भारत को हार का सामना करना पड़ा था। इस तरह दो सालों में धर्मशाला, इंग्लैंड, हैमिल्टन, और कल मैनचेस्टर में भारतीय टॉप ऑर्डर स्विंग के आगे चरों खाने चित्त हुआ और लिहाजा टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा।
धर्मशाला- भारत के हिमांचल प्रदेश स्थित धर्मशाला मैदान पर गेंद काफी स्विंग होती है। इस मैच में टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शिखर धवन के बाद दिनेश कार्तिक भी चलते बने। इस तरह टीम इंडिया का स्कोर 8 रन पर 3 विकेट था। श्रीलंका के सुरंगा लकमल ने 13 रन देकर 4 विकेट हासिल किए थे। इस मैच में भारत को 7 विकेट से हार झेलनी पड़ी थी।
हैमिल्टन- न्यूजीलैंड में पांच वनडे मैचों की सीरिज 2018 में खेलने गए टीम इंडिया को एक बार फिर ट्रेंट बोल्ट के करंट का झटका लगा। हैमिल्टन में खेले गए पहले वनडे में टीम इंडिया के 33 रन पर तीन विकेट गिर जाते हैं। जिसके बाद शुरूआती दबाव से टीम उबर नहीं पाती है और सिर्फ 92 रनों पर ऑल आउट हो जाती है। स्विंग की मुरीद पिच पर बोल्ट 5 विकेट लेते हैं और न्यूजीलैंड आसानी से मैच अपने नाम कर लेती है।
इतना ही नहीं इसके बाद विश्व कप के वार्म अप मैच में बोल्ट ने कहर बरपाती स्विंग गेंदों से टीम इंडिया के बल्लेबाजो को पवेलियन का रास्ता दिखाया था। इसके बाद भी कोहली एंड कम्पनी को न्यूजीलैंड के खिलाफ उतरने से पहले एक बार स्विंग गेंदबाजी के सामने टिककर खेलने का अभ्यास करना चाहिए था।
सेमीफाइनल मैच में बल्लेबाजी आने से एक दिन पहले पूरे दिन बारिश हो चुकी थी। जाहिर है नमी से गेंद काफी स्विंग होना था। जिसका डर हम सभी को था। वहीं हुआ और बारिश टीम इंडिया के लिए काल बनी। जिसके चलते एक बार फिर इंग्लैंड से खाली हाथ निराश होकर दो साल पहले चैम्पियंस ट्राफी की हार के ट्रेलर के बाद विश्व कप जीत की अधूरी फिल्म छोड़कर घर वापस आना पड़ रहा है।
इस तरह अगर देखा जाये तो सिर्फ वनडे ही नहीं बल्कि टेस्ट क्रिकेट में भी स्विंग के आगे टीम इंडिया बैकफुट पर नजर आती है। जिस भी दिन गेंद हिलना शुरू होती है टीम इंडिया के धाकड़ बल्लेबाज मैदान के अंदर कम बल्कि ड्रेसिंग रूम में ज्यादा दिखाई देते हैं।
ऐसे में यह जाहिर होता है कि भारतीय बल्लेबाजी में विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन और के. एल. राहुल जैसे भलें ही बड़े नाम क्यों ना जुड़ें हो। लेकिन स्विंग के आगे सभी बेबस है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं की विश्व क्रिकेट के हर मैदान में रनों का तांता लगाने वाले विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज बल्लेबाज स्विंग पर जीत पाकर मैदान में वापसी करेंगे और आपने आगे लगे स्विंग एंड सीम के धब्बे को पूरी तरह से मिटा देंगे। जिससे फिर कभी कोई गेंदबाज सिर्फ 45 मिनटों के स्पेल में भारतीय बल्लेबाजी के उपर इस तरह का सवालियां निशान ना खड़ा कर जाए और कप्तान कोहली को ये ना कहना पड़ जाए की हमने 45 मिनट अच्छी क्रिकेट नहीं खेली।