सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के शतक और शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों की उम्दा पारियों के बाद गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन से भारत ने क्रिकेट विश्व कप के लीग मैच में रविवार को यहां ऑस्ट्रेलिया को 36 रन से हराकर उसके लगातार 10 जीत के अभियान को थाम दिया। भारत के 353 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम स्टीव स्मिथ (69), डेविड वॉर्नर (56), एलेक्स कैरी (नाबाद 55) और उस्मान ख्वाजा (42) की पारियों के बावजूद 316 रन ही बना सकी जिससे भारत ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की। भारत की ओर से भुवनेश्वर कुमार ने 50 रन देकर तीन, जसप्रीत बुमराह ने 61 रन देकर तीन जबकि युजवेंद्र चहल ने 62 रन देकर दो विकेट चटकाए।
भारत ने धवन (117) के शतक के अलावा कप्तान विराट कोहली (82) और सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (57) के अर्धशतक से पांच विकेट पर 352 रन बनाए थे। धवन ने 109 गेंद की पारी में 16 चौके जड़े। उन्होंने रोहित के साथ पहले विकेट के लिए 127 और कोहली के साथ दूसरे विकेट के लिए 93 रन की साझेदारी की। कोहली ने हार्दिक पंड्या (27 गेंद में 48 रन) और महेंद्र सिंह धोनी (14 गेंद में 27 रन) के साथ अंतिम ओवरों के ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की जिससे भारत अंतिम 10 ओवर में 116 रन जोड़कर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भी टीम की ओर से विश्व कप का सर्वाधिक स्कोर खड़ा करने में सफल रहा। कोहली ने 77 गेंद की अपनी पारी में दो छक्के और चार चौके मारे।
लक्ष्य का पीछा करने उतरे ऑस्ट्रेलिया को वॉर्नर और कप्तान आरोन फिंच (36) की जोड़ी ने सतर्क शुरुआत दिलाई। दोनों ने पहले विकेट के लिए 61 रन जोड़े। बुमराह के दूसरे ओवर की पहली ही गेंद पर वॉर्नर भाग्यशाली रहे जब उनका शाट विकेटों से टकराया लेकिन बेल्स नहीं गिरे। वॉर्नर और फिंच ने 10 ओवर में टीम का स्कोर बिना विकेट के 48 रन पर पहुंचाया। फिंच ने 10वें ओवर में पंड्या की लगातार गेंदों पर छक्का और दो चौके मारे जिससे ओवर में 19 रन बने। फिंच हालांकि पंड्या के ओवर में गैरजरूरी दूसरा रन लेने के प्रयास में रन आउट हुए।
वॉर्नर और स्मिथ ने इसके बाद पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने 21वें ओवर में टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया। वॉर्नर ने चहल की गेंद पर एक रन के साथ 77 गेंद में अर्धशतक पूरा किया जो एकदिवसीय क्रिकेट में उनका सबसे धीमा अर्धशतक है। वॉर्नर हालांकि इसके बाद चहल की गेंद को उठाकर मारने की कोशिश में डीप मिडविकेट पर भुवनेश्वर को कैच दे बैठे जिससे स्मिथ के साथ उनकी 72 रन की साझेदारी का अंत किया। वॉर्नर ने 84 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके मारे। स्मिथ और ख्वाजा ने तीसरे विकेट के लिए 69 रन जोड़कर पारी को संवारा। बीच में हालांकि भारतीय गेंदबाजों का दबदबा रहा जिससे 53 गेंद तक कोई बाउंड्री नहीं लगी।
ख्वाजा ने कुलदीप पर चौके के साथ बाउंड्री के सूखे को खत्म किया और फिर इस स्पिनर की लगातार गेंदों पर छक्का और चौका मारकर 34वें ओवर में टीम का स्कोर 200 रन के पार पहुंचाया। स्मिथ ने इस बीच कुलदीप पर ही चौके के साथ 60 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। बुमराह ने ख्वाजा को बोल्ड करके भारत को तीसरी सफलता दिलाई। उन्होंने 39 गेंद का सामना करते हुए चार चौके और एक छक्का मारा। मैक्सवेल ने बुमराह पर चौके से खाता खोला और फिर भुवनेश्वर पर लगातार दो चौके मारे।
भुवनेश्वर ने स्मिथ को पगबाधा करके भारत को बड़ी सफलता दिलाई। मैदानी अंपायर ने स्मिथ को आउट नहीं दिया था लेकिन भारत के डीआरएस लेने पर उन्हें फैसला बदलना पड़ा। स्मिथ ने 70 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके और एक छक्का मारा। भुवनेश्वर ने एक गेंद बाद मार्कस स्टोइनिस (00) को भी बोल्ड कर दिया जबकि चहल के अगले ओवर में ग्लेन मैक्सवेल (14 गेंद में 28 रन) भी स्थानापन्न खिलाड़ी रविंद्र जडेजा को कैच दे बैठे। ऑस्ट्रेलिया को अंतिम आठ ओवर में जीत के लिए 97 रन की दरकार थी।
कैरी ने इसके बाद कुछ अच्छे शाट लगाए। उन्होंने चहल पर चौका और छक्का जड़ने के बाद पंड्या की गेंद को भी बाउंड्री के दर्शन कराए।
बुमराह ने हालांकि नाथन कोल्टर नाइल (04) को पवेलियन भेज दिया और फिर पैट कमिंस (08) की पारी का अंत किया। कैरी ने भुवनेश्वर की गेंद पर चौका और फिर एक रन के साथ 25 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। ऑस्ट्रेलिया को अंतिम दो ओवर में जीत के लिए 44 रन की जरूरत थी लेकिन टीम अपने अंतिम दो विकेट गंवाकर सात रन ही बना सकी। इससे पहले कोहली ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया जिसके बाद शिखर और रोहित ने भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई। शिखर और रोहित ने सतर्क शुरुआत की। रोहित दो रन के स्कोर पर भाग्यशाली रहे जब मिशेल स्टार्क (74 रन पर एक विकेट) के पारी के दूसरे ओवर में ही नाथन कोल्टर नाइल (63 रन पर एक विकेट) ने शार्ट मिडविकेट पर उनका कैच टपका दिया।
धवन ने पांचवें ओवर में पैट कमिंस (55 रन पर एक विकेट) पर पारी का पहला चौका जड़ा और फिर कोल्टर नाइल का स्वागत तीन चौकों के साथ किया। भारत ने पावर प्ले में बिना विकेट खोए 41 रन बनाए। इसके बाद रोहित और शिखर ने स्वच्छंद होकर बल्लेबाजी की। रोहित ने लेग स्पिनर एडम जंपा और कामचलाऊ स्पिनर ग्लेन मैक्सवेल पर चौके जड़े और इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 2000 रन पूरे करने वाले भारत के दूसरे और दुनिया के चौथे बल्लेबाज बने। रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिर्फ 37वें मैच की 37वीं पारी में यह उपलब्धि हासिल की जो किसी भी बल्लेबाज के किसी भी टीम के खिलाफ सबसे कम पारियों में 2000 रन हैं।
रोहित ने कोल्टर नाइल पर पारी का पहला छक्का जड़ा। धवन ने स्टोइनिस की गेंद पर एक रन के साथ 53 गेंद में अर्धशतक पूरा किया जबिक रोहित ने स्टार्क पर चौके के साथ 61 गेंद में 50 रन के आंकड़े को छुआ। रोहित इसके बाद कोल्टर नाइल की गेंद पर विकेटकीपर एलेक्स कैरी को आसान कैच दे बैठे। उन्होंने 70 गेंद का सामना करते हुए तीन चौके और एक छक्का मारा। धवन और कोहली ने इसके बाद तेजी से रन जुटाए और 34वें ओवर में भारत का स्कोर 200 रन के पार पहुंचाया।
धवन ने स्टोइनिस की गेंद एक रन के साथ 95 गेंद में 17वां शतक पूरा किया। इस गेंद पर कोहली गेंदबाजी छोर पर रन आउट होने से बचे जिसके बाद ओवर थ्रो पर धवन ने शतक पूरा किया। धवन इसके बाद अधिक देर नहीं टिक सके और स्टार्क की गेंद पर छक्का जड़ने की कोशिश में बाउंड्री पर स्थानापन्न खिलाड़ी नाथन लियोन को कैच दे बैठे।
पंड्या को पहली ही गेंद पर विकेटकीपर कैरी ने जीवनदान दिया। दुर्भाग्यशाली गेंदबाज कोल्टर नाइल रहे। कोहली ने मैक्सवेल की गेंद पर एक रन के साथ 55 गेंद में 50वां अर्धशतक पूरा किया। विश्व कप मैच में यह सिर्फ दूसरा मौका है जब भारत के शीर्ष तीन बल्लेबाज 50 या इससे अधिक रन बनाने में सफल रहे हैं। इससे पहले 2011 में नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत ने यह उपलब्धि हासिल की थी।
पंड्या ने जीवनदान का पूरा फायदा उठाते हुए मैक्सवेल, जंपा और कमिंस पर छक्के जड़े। कोहली ने भी स्टार्क पर छक्का मारा। भारत के 300 रन 46वें ओवर में पूरे हुए। पंड्या हालांकि इसी ओवर में मिड आफ पर कप्तान आरोन फिंच को कैच दे बैठे। उन्होंने 27 गेंद का सामना करते हुए चार चौके और तीन छक्के मारे। धोनी भी तेजी से 27 रन बनाने के बाद अंतिम ओवर में स्टोइनिस को उन्हीं की गेंद पर कैच दे बैठे जबकि इसके बाद कोहली भी पवेलियन लौटे। स्टोइनिस सबसे सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने 62 रन देकर दो विकेट चटकाए।