इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से क्रिकेट का महासमर शुरू होने वाला है। क्रिकेट विश्वकप का 12वां एडिशन खेला जाएगा। जबकि पहला विश्वकप 1975 में खेला गया था। तब से लेकर चले आ रहे सभी विश्व कप टूर्नामेंट में कई विवादों ने जन्म लिया। कई खिलाड़ियों के बीच में तनातनी हुई तो कई खिलाड़ियों को टूर्नामेंट बीच में छोड़कर बाहर जाना पड़ा या किसी विवाद के कारण उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया। इसी कड़ी में अगर बात की जाए तो विश्व कप 2003 में नाम याद आता है शेन वार्न का जिन्हें नशे के कारण ऑस्ट्रेलिया टीम मैनेजमेंट ने बीच वर्ल्ड कप से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
विश्व कप 2003 दक्षिण अफ्रीका, केन्या और जिम्बाब्वे में खेला गया था। जिसकी शुरुआत ही विवादों से हुई। इंग्लैंड की टीम ने जहां जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड ने केन्या में खेलने से इनकार कर दिया। जिसके बाद ग्रुप बी से दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज जैसी मजबूत टीमें पहले ही दौर में बाहर हो गईं। वहीं, केन्या की टीम को बिना खेले ही अंक मिल गए। जिसका निष्कर्ष ये निकला कि वह सुपर सिक्स में पहुंच गई। वहीं, दूसरी ओर ग्रुप ए से इंग्लैंड और पाकिस्तान की जगह जिम्बाब्वे सुपर सिक्स में पहुंचने में सफल रहा। जिससे सुपर सिक्स से पहले ही कई टीमों का पत्ता साफ़ हो गया।
इसके बाद विश्वकप का सबसे बड़ा विवाद तब सामने आया जब ख़िताब को बचाने के लिए मैदान में उतरी ऑस्ट्रेलिया टीम के दिग्गज खिलाड़ी शेन वार्न को बीच में ही वर्ल्ड कप टीम से निकाल दिया गया। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया का पहला मुकाबल पाकिस्तान के साथ खेला जाना था। जिससे पहले हुए ड्रग टेस्ट में शेन वार्न दोषी पाए गए और उन्हें प्रतिबंधित दवा के सेवन के कारण टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया। खिताब बचाने उतरी डिफेंडिंग चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया के लिए यह सबसे बड़ा झटका था।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने प्रेस वार्ता कर वॉर्न के टेस्ट के बारे में जानकारी दी। यह भी कहा कि उन्हें तुरंत वापस ऑस्ट्रेलिया भेजा जा रहा है। ऑस्ट्रेलियन स्पोर्ट्स ड्रग्स एजेंसी ने उनका टेस्ट किया था। उसने कहा कि वॉर्न के यूरिन में मोडुरेटिक दवा पाई गई। यह तनाव, बल्ड प्रेशर को कंट्रोल करता है। इसे आईसीसी द्वारा प्रतिबंधित किया जा चुका था।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस जानकारी को टीम के पदाधिकारियों और कप्तान रिकी पोंटिंग के साथ साझा किया। पोंटिंग ने बाद में कहा, ‘उन्होंने सब कुछ जांच लिया है। वॉर्न एक दशक से क्रिकेट खेल रहे हैं। इस तरह का रवैया अपनाना पागलपन है।’ टीम मैनेजर स्टीव बेर्नार्ड ने टीम मीटिंग बुलाई। इसमें वॉर्न भी उपस्थिति थे। उन्होंने रोते हुए सबकुछ बताया। इसके बाद कमरे में चुप्पी थी। कप्तान ने खिलाड़ियों को रात के खाने के लिए भेज दिया। पोंटिंग ने खिलाड़ियों से कहा, "जाओ सब आपस में बात करो। हमें इस विवाद पर काबू पाना है। इसे अपनी याददाश्त से मिटा दो। हमें सुबह मैच जीतना है।’
ऐसे में ऑस्ट्रेलिया लौटने के बाद वार्न ने मीडिया से कहा, "मैं टेस्ट के रिजल्ट के बाद हैरान और परेशान हो गया था। मैंने प्रदर्शन बढ़ाने के लिए किसी भी प्रतिबंधित दवा का इस्तेमाल नहीं किया।जबकि अपनी मां की सलाह पर वजन कम करने वाली दवा ली थी।’
हालांकि, वॉर्न के वापस लौटने से टीम पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। ऑस्ट्रेलियाई रिकी पोंटिंग ने अपनी कप्तानी में टीम का हौसला बढ़ाए रखा और विश्वकप ख़िताब के फ़ाइनल मैच में जीत हासिल कर कब्जा जमाए रखा।