क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर आज ही के दिन मेजबान इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप 2019 का फाइनल मुकाबला खेला गया था। यह वही मुकाबला है जिसने क्रिकेट प्रेमियों को आधी रात तक जागने पर मजबूर कर दिया था। मैच का रोमांच था ही इतना कि कोई इसे चाह कर भी नहीं छोड़ सकता था। दोनों ही टीमें अपना बेस्ट प्रदर्शन दे रही थी। इस वजह से इस मुकाबले को वनडे क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ मुकाबलों में जगह दी गई है।
फाइनल मुकाबले में रनों का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने पहले इस मैच को टाई कर मुकाबले का रोमांच बढ़ाया। इस मैच में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मेजबानों को 242 रनों का लक्ष्य दिया था। इस लक्ष्य को तो इंग्लैंड की टीम हासिल नहीं कर पाई, लेकिन बेन स्टोक्स (84*) की जुझारू पारी के दम पर इंग्लैंड न्यूजीलैंड के बराबर स्कोर खड़ा करने में कामयाब रही थी।
इंग्लैंड जब रनों का पीछा कर रही थी तो अंपायरों ने भी एक गलत फैसला लिया जिसकी चर्चा भी कुछ दिनों तक गर्म रही थी। ये फैसला था ओवर थ्रो पर एक रन ज्यादा देने का। दरअसल मैच के आखिरी क्षणों में जब गप्टिल का एक थ्रो बैन स्टोक्स के बल्ले पर टकराकर बाउंड्री के पार चला गया था तो अंपायर कुमार धरमसेना ने उसे 6 रन करार दिए थे। 4 रन चौके के और 2 रन भागने के। लेकिन नियम के मुताबिक वह 5 ही रन होने चाहिए थे। बाद में कुमार धरमसेना ने अपनी इस गलती को स्वीकार भी किया था।
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मैच टाई होने के बाद दोनों टीमों के बीच सूपर ओवर खेला गया, लेकिन किसी को यह नहीं पता था कि यह सूपर ओवर भी टाई हो जाएगा। वहीं अधिकतर लोगों को तो इस चीज से भी अंजान थे कि अगर सूपर ओवर भी टाई हो गया तो क्या होगा?
सूपर ओवर शुरू हुआ इंग्लैंड की ओर से बेन स्टोक्स और जॉस बटलर बल्लेबाजी करने आए वहीं गेंदबाजी की कमान ट्रेंट बोल्ट ने संभाली। इंग्लैंड के दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर 6 गेंदों पर 15 रन जोड़े और न्यूजीलैंड को जीत के लिए 16 रन का लक्ष्य दिया। न्यूजीलैंड इस फाइनल में पहले ही दबाव में थी क्योंकि 2015 में भी ऑस्ट्रेलिया के हाथों उन्हें फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।
इस लक्ष्य का पीछा करने के लिए न्यूजीलैंड ने अपने दो धाकड़ बल्लेबाज जिमी निशम और मार्टिन गप्टिल को भेजा। वहीं गेंदबाजी जॉफ्रा आर्चर के हाथों में थी। निशम ने पहली 5 गेंदों पर एक चौके की मदद से 14 रन बना लिए थे। आखिरी गेंद पर न्यूजीलैंड को दो रन की जरूरत थी और स्ट्राइक पर थे मार्टिन गप्टिल। आखिरी गेंद पर विकेट के बीच दो रन लेने के प्रयास में गप्टिल रन आउट हो गए और मैच एक बार फिर टाई हुआ।
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इंग्लैंड के खिलाड़ी इस रन आउट के बाद से ही खुशी मनाने लग गए थे क्योंकि वह शायद आईसीसी के इस नियम से वाकिफ थे कि अगर सूपर ओवर भी टाई हो जाता है तो बाउंड्री के आधार पर विजेता टीम चुनी जाएगी। इंग्लैंड ने इस रोमांचक फाइनल मुकाबले में सूपर ओवर मिलकर कुल 26 चौके-छक्के लगाए थे, वहीं न्यूजीलैंड के नाम 17 ही बाउंड्री थी। इस तरह इंग्लैंड ने पहली बार विश्व विजेता का ताज पहना, वहीं लगातार दूसरी बार फाइनल हारने के बाद न्यूजीलैंड की आंखे नम थी।
सूपर ओवर ड्रॉ होने के बाद बाउंड्री के आधार पर विजेता घोषित करने वाले आईसीसी के नियम की खूब आलोचना हुई थी। क्रिकेट के दिग्गजों का कहना था कि जब दोनों टीम एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रही है तो कैसे बाउंड्री के आधार पर किसी को विजेता घोषित किया जा सकता है। कई दिनों तक चली इस आलोचना के बाद आईसीसी के इस नियम में बदलाव हुआ। अब नए नियम के अनुसार नॉकआउट मुकाबलों में अगर सूपर ओवर भी टाई होता है तो उसके बाद एक और सूपर ओवर होगा। सूपर ओवर का यह सिलसिला तब तक चलता रहेगा जब तक कोई टीम मुकाबला जीत नहीं जाती।