इंग्लैंड एंड वेल्स में खले जा रहे आईसीसी क्रिकेट विश्व कप के 25वें मैच में न्यूजीलैंड ने साउथ अफ्रीका के लिए करो या मरो वाले मैच में उसे 4 विकेट से मात दी। जिसके चलते साउथ अफ्रीका का लगभग अब विश्व कप से बाहर होना तय मन जा रहा है। उम्मीदों और कागजों पर मजबूत मानी जाने वाली साउथ अफ्रीका टीम अपने स्तर के हिसाब से इस विश्व कप में प्रदर्शन नहीं कर पाई, जिसका खामियाजा उसे टूर्नामेंट से बाहर होकर भुगतना पड़ सकता है।
वही, दूसरी तरफ पिछली बार साल 2015 में विश्व कप जीतने से एक कदम चूकी न्यूजीलैंड का इस बार भी दमदार प्रदर्शन जारी है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में कप्तान केन विलियम्सन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। टूर्नामेंट में काफी कम मौके हुए हैं जब किसी कप्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी की है। हालाँकि कप्तान केन का ये दांव फिट बैठा और साउथ अफ्रीका की टीम कसी हुई गेंदबाजी के आगे 49 ओवर के खेल में 6 विकेट खोकर महज 241 रन बना पाई।
जिसके जवाब में रनों का पीछा करते हुए कप्तान केन विलियमसन ने शानदार शतक बनाकर अपनी टीम को जीत दिलाई। बल्लेबाजी के लिए मुश्किल पिच पर केन ने 138 गेंदों में 106 रनों की पारी खेल मैन ऑफ द मैच का अवार्ड जीता। अवार्ड लेने के बाद उन्होंने कहा, “मैदान पर अंत तक रहना काफी अच्छा था। यह काफी मुश्किल पिच थी और गेंद रुककर भी आ रही थी। पहली पारी में हमने अच्छी गेंदबाजी की, गेंद को आगे और सही एरिया में रखा। हमें पता था कि हमने गेंद से अच्छा काम किया है। हमें साझेदारियां बनानी थी लेकिन लगातार विकेट गिरते रहे और दक्षिण अफ़्रीकी गेंदबाजों ने हमारी राह मुश्किल कर दी।”
ऐसे में एक समय न्यूजीलैंड की मैच में हालत खराब थी क्योंकि उसकी आधी टीम 137 के स्कोर पर पवेलियन रवाना हो चुकी थी। तभी बल्लेबाजी करने आए कोलिन डी ग्रैंडहोम ने कुछ शानदार शॉट्स लगाए और 47 गेंदों में 60 रनों की पारी खेलते हुए कप्तान केन के साथ 91 रनों की मैच जीताऊ साझेदारी निभाई। इतना ही नहीं उन्होंने 10 ओवर में 33 रनों की किफायती गेंदबाजी भी की।
जिस पर केन ने कहा, “डी ग्रैंडहोम मेरे लिए सबसे बेहतरीन खिलाड़ी रहे। गेंदबाजी के साथ ही बल्लेबाजी में भी उनका योगदान अहम रहा। हम सिर्फ मुश्किल समय से निकलना चाहते थे। हमें पता था कि कुछ डॉट गेंदें होंगी। मैं अपने साथियों से लगातार बात कर रहा था और तेजी से रन बनाने की कोशिश के बावजूद गेंद फील्डरों के पास जाती रही। मैंने जितना हुआ करने की कोशिश की और साथ ही अन्य खिलाड़ियों का योगदान भी नहीं भुला जा सकता है। यह ऐसी पिच थी, जहाँ करीबी मुकाबला होना ही था। आज की जीत के बाद काफी ख़ुशी है।”