बर्मिंघम। मेजबान इंग्लैंड ने खेल के हर विभाग में उम्दा प्रदर्शन करते हुए गुरुवार को यहां विश्व कप के दूसरे सेमीफाइनल में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया को 107 गेंद शेष रहते हुए आठ विकेट से करारी शिकस्त देकर सुनिश्चित कर दिया कि क्रिकेट को इस बार नया विश्व चैंपियन मिलेगा। मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की टीम 49 ओवर में 223 रन पर ढेर हो गयी। इंग्लैंड की तरफ से जैसन राय (65 गेंदों पर 85) और जॉनी बेयरस्टॉ (43 गेंदों पर 34) ने पहले विकेट के लिये 124 रन जोड़े। बाद में जो रूट (46 गेंदों पर नाबाद 49) और कप्तान इयोन मोर्गन (39 गेंदों पर नाबाद 45) ने तीसरे विकेट के लिये 79 रन की अटूट साझेदारी निभायी जिससे इंग्लैंड ने 32.1 ओवर में दो विकेट पर 226 रन बनाकर आसान जीत के साथ चौथी बार और 27 साल में पहली बार फाइनल में जगह बनायी। यह पहला अवसर है जबकि पांच बार का चैंपियन ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में पराजित हुआ।
इंग्लैंड फाइनल में न्यूजीलैंड से भिड़ेगा जिसने पहले सेमीफाइनल में भारत को 18 रन से हराया था। इन दोनों टीमों ने अब तक विश्व कप नहीं जीता है और इसलिए 14 जुलाई को क्रिकेट को नया विश्व चैंपियन मिलना तय है। इंग्लैंड इससे पहले 1979, 1987 और 1992 में फाइनल में पहुंचा था लेकिन तीनों बार खिताबी मुकाबले में उसे हार मिली थी।
इंग्लैंड की जीत की नींव उसके गेंदबाजों ने रखी जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई शीर्ष क्रम शुरू में लड़खड़ाकर उसका स्कोर तीन विकेट पर 14 रन कर दिया। स्टीवन स्मिथ (119 गेंदों पर 85) ने एलेक्स कैरी (70 गेंदों पर 46) के साथ चौथे विकेट के लिये 103 रन और नौवें नंबर के बल्लेबाज मिशेल स्टार्क (36 गेंदों पर 29) के साथ आठवें विकेट के लिये 51 रन की साझेदारियां की। इनके अलावा ग्लेन मैक्सवेल (23 गेंदों पर 22) ही दोहरे अंक में पहुंचे।
इंग्लैंड के तुरूप के इक्के जोफ्रा आर्चर (32 रन देकर दो) और क्रिस वोक्स (20 रन देकर तीन) ने ऑस्ट्रेलियाई शीर्ष क्रम थर्राया तो लेग स्पिनर आदिल राशिद (54 रन देकर तीन) ने मध्यक्रम लड़खड़ाया। इसके बाद रॉय और बेयरस्टॉ ने समा बांधा और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया। इन दोनों शुरू से हावी होकर खेलने की रणनीति अपनायी जिससे किसी भी समय ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण धारदार नहीं दिखा। ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख गेंदबाज स्टार्क ने नौ ओवर में 70 रन लुटाये।
रॉय ने जब हाथ खोले तो उन्हें रोकना नामुमकिन लग रहा था। उन्होंने छठे ओवर में स्टार्क की गेंद कलाईयों का इस्तेमाल करके छह रन के लिये भेजी और नाथन लियोन का स्वागत भी छक्के से किया। स्टार्क 15वें ओवर में फिर से आक्रमण पर लगाये गये लेकिन रॉय के सामने उनकी नहीं चल पायी। आरोन फिंच ने यहां तक कि स्मिथ को भी गेंद सौंपी लेकिन रॉय ने उन पर लगातार तीन छक्के लगाकर पांच बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की हर रणनीति को नाकाम कर दिया।
स्टार्क ने आखिर में बेयरस्टॉ को पगबाधा करके ऑस्ट्रेलिया को कुछ राहत दिलायी। यह स्टार्क का वर्तमान विश्व कप में 27वां विकेट था जो नया रिकार्ड है। इस तरह से उन्होंने हमवतन ग्लेन मैकग्रा (2007 में 26 विकेट) का 12 साल पुराना रिकार्ड तोड़ा। रॉय शतक के हकदार थे लेकिन अंपायर कुमार धर्मसेना के गलत फैसले के कारण उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा। पैट कमिन्स की गेंद उनके बल्ले के करीब से निकली और अपील पर अंपायर की उंगली उठ गयी। इंग्लैंड के पास रिव्यू नहीं बचा था और रॉय ने फैसले का विरोध भी किया। उन्होंने अपनी पारी में नौ चौके और पांच छक्के लगाये।
रूट और मोर्गन ने हालांकि ऑस्ट्रेलिया की खुशी क्षणिक ही रहने दी और आसानी से रन बटोरकर टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया। इन दोनों ने अपनी पारियों में आठ आठ चौके लगाये।
इससे पहले आर्चर और वोक्स ने शुरू में घातक गेंदबाजी का शानदार नजारा पेश किया और ऑस्ट्रेलियाई शीर्ष क्रम लड़खड़ाकर टास जीतकर पहले बल्लेबाजी के उसके फैसले को गलत साबित कर दिया। आर्चर की पहली गेंद ही इनस्विंगर थी जिस पर उन्होंने फिंच को ‘गोल्डन डक’ बनाया। फिंच ने पगबाधा के लिये डीआरएस लेकर ऑस्ट्रेलिया का रेफरल भी खराब कर दिया।
वोक्स ने अगले ओवर में बेहतरीन फार्म में चल रहे डेविड वार्नर (नौ) को स्लिप में बेयरस्टॉ के हाथों कैच कराया। वार्नर अचानक उठती गेंद पर शाट लगाने को लेकर गफलत में पड़ गये थे। इस विश्व कप में पहली बार खेल रहे पीटर हैंडसकांब (चार) शुरू से असहज दिखे। वोक्स ने उनके बल्ले और पैड के बीच से गेंद निकालकर विकेट उखाड़ा। स्मिथ और कैरी ने विकेट गिरने क्रम रोका। जब वे अच्छी तरह से पारी संभाल रहे थे तब राशिद ने पांच गेंद के अंदर दो झटके देकर ऑस्ट्रेलिया को फिर से बैकफुट पर भेज दिया।
कैरी ने लंबा शाट खेला लेकिन वह सीधे मिडविकेट पर खड़े जेम्स विन्से के पास चला गया। राशिद ने इसी ओवर में नये बल्लेबाज मार्कस स्टोइनिस (शून्य) को पगबाधा आउट किया जिससे स्कोर पांच विकेट पर 118 रन हो गया। मैक्सवेल ने शुरू में संभावनएं दिखायी लेकिन आर्चर के आते ही उन्हें अच्छी लेंथ की धीमी गेंद पर गच्चा देकर कवर पर आसान कैच देने के लिये मजबूर किया।
लगातार विकेट गिरने से स्मिथ दबाव में आ गये थे। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 29वें ओवर के बाद उन्होंने अपना अगला चौका 45वें ओवर में लगाया। स्टार्क ने उनका अच्छा साथ दिया। इस तेज गेंदबाज ने क्रीज पर पांव जमाने के बाद लियाम प्लंकेट पर छक्का भी लगाया। स्मिथ डेथ ओवरों में रन आउट होकर पवेलियन लौटे। जोस बटलर ने सटीक थ्रो से नान स्ट्राइकर छोर पर उनका विकेट उखाड़ा। उन्होंने अपनी पारी में छह चौके लगाये। वोक्स ने अगली गेंद पर स्टार्क को विकेट के पीछे कैच कराकर ऑस्ट्रेलिया को सम्मानजनक स्कोर तक भी नहीं पहुंचने दिया।