24 सितंबर 2007, ये वो तारीख है जिसे भारतीय क्रिकेट प्रेमी चाह कर भी नहीं भूल सकता। आज ही के दिन 13 साल पहले युवा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 5 रनों से मात देकर पहला टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। इस जीत के बाद भारतीय फैन्स में खुशी की लहर थी क्योंकि उसी साल भारत वनडे वर्ल्ड कप में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बाहर हुआ था, वहीं 1983 के बाद फैन्स ने टीम इंडिया के हाथों कोई बड़ी ट्रॉफी देखी थी।
साउथ अफ्रीका में खेले गए इस वर्ल्ड कप में टीम इंडिया अंडर डॉग की तरह गई थी। भारत ने इससे पहले 2006 में एक मात्र टी20 मैच खेला था। इस वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने अपना नाम वापस ले लिया था।
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युवा खिलाड़ियों से सजी इस टीम में वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, युवराज सिंह, हरभजन सिंह और इरफान पठान जैसे सीनियर खिलाड़ी ही थे। वहीं महेंद्र सिंह धोनी पहली बार टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे थे।
पहला मैच स्कॉटलैंड से रद्द होने के बाद भारत मुकाबला चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ था। मैच अपने रोमांच पर था और दोनों टीमों ने लाजवाब प्रदर्शन करते हुए मैच टाई पर समाप्त किया। इसके बाद दोनों टीमों के बीच पहली बार बॉल आउट हुआ जिसमें लगातार तीन गेंदों को विकेट में मारकर टीम इंडिया ने वो मैच जीत लिया। इसके बाद भारत को न्यूजीलैंड के हाथों 10 रन से हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद बारी थी इंग्लैंड की। इंग्लैंड के खिलाफ मुकाबले में युवराज सिंह की एंड्र्यू फ्लिंटॉफ से लड़ाई हुई जिसका गुस्सा उन्होंने अपने ही अंदाज में स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के माकर निकाला। उस मुकाबले में भारत ने इंग्लैंड को 18 रन से मात दी थी। इसके बाद भारत ने फेवरेट मानी जा रही साउथ अफ्रीका की टीम को 37 रनों से हराकर सेमीफाइनल में कदम रखा। बता दें, साउथ अफ्रीका ने भारत से पहले कोई मैच नहीं हारा था।
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सेमीफाइनल में टीम इंडिया का मुकाबला सबसे मजबूत टीम ऑस्ट्रेलिया से था। ऑस्ट्रेलिया 2007 में ही वनडे वर्ल्ड कप जीतकर आई थी और अनुभवी मैथ्यू हेडन, एडम गिलक्रिस्ट, माइकल हसी, एंड्र्यू साइमंड्स और ब्रेट ली जैसे खिलाड़ियों में आत्मविश्वास भरा हुआ था। युवराज सिंह इस मुकाबले में भी हीरो साबित हुए और 30 गेंदों में 70 रन ठोंके। भारत ने इस मैच में 188 रन बनाए थे जिसके सामने ऑस्ट्रेलिया 173 रन ही बना सकी। गेंदबाजी में श्रीसंत ने 4 ओवर में 12 रन देकर दो महत्वपूर्ण विकेट लिए थे, इनमें से एक विकेट मैथ्यू हेडन का था और उनका विकेट लेने के बाद श्रीसंत ने जमीन पर हाथ भी मारे थे।
ऑस्ट्रेलिया को मात देकर भारत फाइनल में था और उनका मुकाबला एक बार फिर चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से था। भारत ने इस बार बॉल आउट की कसर नहीं छोड़ी। पहले गौतम गंभीर ने 54 गेंदों पर 75 रन की शानदार पारी खेली जिसकी वजह से भारत 157 रन बनाने में कामयाब रहा। इसके बाद भारती गेंदबाजों ने कामाल दिखाते हुए पाकिस्तान की पारी को समेटना शुरू किया।
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अंत में पाकिस्तान को आखिरी ओवर में 13 रन की जरूरत थी और उनके पास एक ही विकेट बचा था, गेंद जोगिंदर शर्मा के हाथों में थी। उस ओवर में मिस्बाह ने जोगिंदर को एक छक्का मारा थे, लेकिन ओवर की तीसरी गेंद पर स्कूप शॉट लगाने के प्रयास में वो शॉट फाइन लेग पर खड़े श्रीसंत के हाथों कैच आउट हो गए और भारत 5 रन से मैच जीतकर पहली बार टी20 वर्ल्ड कप का चैंपियन बना।