लिसेस्टर (इंग्लैंड): श्रीलंका को हराकर लगातार चौथी जीत दर्ज करने के साथ ही भारतीय महिला क्रिकेट टीम इस समय विजय रथ पर सवार है और महिला विश्व कप में वह ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरे स्थान पर है। अब उसके बचे हुए मुकाबलों में उसका अभियान मुश्किल होता जाएगा। शनिवार को यहां उसका मुकाबला एक ऐसी दक्षिण अफ्रीकी टीम से है जो अपनी क्षमताओं के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। भारत इस मैच में तेज गेंदबाज शिखा पांडे को मौका दे सकता है जिनका दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। वहीं भारत को दक्षिण अफ्रीका की पेस बैट्री के सामने सतर्कता बरतनी होगी। साथ ही सबकी निगाहें भारतीय कप्तान मिताली राज पर भी रहेंगी जो सबसे ज्यादा रन बनाने वाली महिला खिलाड़ी बनने से केवल 34 रन दूर हैं।
भारतीय टीम इस समय एक यूनिट की तरह खेल रही है जबकि पिछले विश्व कप में अपने घरेलू दर्शकों के बीच वह लीग में सबसे निचले पायदान पर थी। यह भी संयोग है कि तब श्रीलंका, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज से हारने वाली इस टीम ने इस बार इन तीनों टीमों को शिकस्त दे दी है और अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान और तीन बार की चैम्पियन इंग्लैंड सहित अब तक खेले चारों मुकाबले अपने नाम किए हैं।
मिताली इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने की दहलीज़ पर
मिताली महिला क्रिकेट के वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने की दहलीज पर हैं। उन्हें इंग्लैंड की कारलोट एडवर्डस का 5992 रनों का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए सिर्फ 34 रन की दरकार है। एडवर्डस ने यह कमाल 191 वनडे मैचों में किया था जबकि मिताली का यह 182वां मैच होगा और अगर वह यह कमाल करने में सफल रहीं तो भारत के नाम सबसे ज्यादा विकेट (झूलन गोस्वामी) और सबसे ज्यादा रन हासिल करने के रिकॉर्ड दर्ज हो जाएंगे। यह भी संयोग है कि दोनों इस समय टीम की सदस्य हैं।
एकता बिष्ट पर होंगी नज़रें
शीर्ष क्रम में दीप्ती शर्मा ने पिछले मैच में विश्व कप की अपना पहला अर्धशतक बनाने के साथ ही एक विकेट हासिल किया था। वह ऐसा करने वाली विश्व कप की एकमात्र टीन एजर हैं। 19 वर्षीय दीप्ती इस समय एकता बिष्ट के साथ इस विश्व कप में सबसे अधिक सात विकेट लेने वाली खिलाड़ी हैं।
वहीं हरमनप्रीत को पिछले तीन मैचों में कुल 54 रन बनाने के साथ अपना हुनर दिखाने का मौका नहीं मिल पाया है, लेकिन श्रीलंका के खिलाफ वेदा कृष्णामूर्ति के साथ 54 गेंद पर 50 रन की साझेदारी करने के साथ उन्होंने अपने आक्रामक तेवर दिखाए थे जिसमें लगातार स्ट्राइक रोटेट करके उन्होंने रन गति को तेजी से आगे बढ़ाया था, लेकिन पिछले तीन मैचों में उनके बल्लेबाजी क्रम को बदला गया है।
पहले मैच में उन्हें नम्बर चार पर भेजा गया। दूसरे में नम्बर पांच पर और तीसरे में श्रीलंका के खिलाफ उन्हें नम्बर छह पर उतारा गया जिससे उनका औसत इस विश्व कप में 18 रन का है, जो उनके अपने करियर औसत से कहीं नीचे है।
हरमनप्रीत बड़े मैच की खिलाड़ी हैं। उनके स्ट्रोकप्ले को देखते हुए उन्हें ज्यादा गेंदे खेलने का मौका दिए जाने की जरूरत है क्योंकि वह खासकर उछाल लेती गेंदों की बेहतरीन बल्लेबाज हैं। मध्य क्रम की बल्लेबाज मोना मेशराम भी दो मैचों में कुल 67 गेंदों का सामना करके 24 रन बना पाई हैं। शीर्ष क्रम के न चलने की स्थिति में मध्य क्रम का यह पक्ष भारत के लिए चिंता का सबब है।
झूलन गोस्वामी के सामने होंगी बेख़ोफ़ द. अफ्रीकी बल्लेबाज़
भारत को नई गेंद से ओपनिंग स्पेल पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि दक्षिण अफ्रीका के पास बेखौफ हिटर मौजूद हैं। इंग्लैंड के खिलाफ पिछले मुकाबले में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने 374 रन के जवाब में 300 का स्कोर पार किया था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरी सबसे अधिक विकेट लेने वाली तेज गेंदबाज शिखा पांडे की इस मैच में वापसी हो सकती हैए जिनके पास सात वनडे मैचो में 14 विकेट लेने का अनुभव है।
उनकी इंग्लैंड की परिस्थति में देरी से स्विंग होने वाली गेंदें कहर बरपा सकती हैं। लेग स्पिनर पूनम यादव बीच के ओवरों में अपनी चतुराईभरी फ्लाइट गेंदों से बल्लेबाजों को परेशान कर रही हैं। एकता और झूलन का रुख आक्रामक है लेकिन इन्हें अन्य गेंदबाजों से सहयोग की जरूरत है।
वहीं दक्षिण अफ्रीका ने पिछले हफ्ते वेस्टइंडीज को केवल 48 रन पर समेटकर शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन किया है। इसमें उसकी लेग स्पिनर डेन वान नीकेर्क के अलावा शबनिम इस्माइल और मैरीजाने कैप ने अपनी रफ्तार से चौंकाया है। ये दोनों स्पीडस्टर कुल नौ विकेट हासिल कर चुकी हैं और अब ये दोनों भारतीय बल्लेबाजों की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
इसके बाद भारत का लीग का अंतिम मैच ऑस्ट्रेलिया से 12 जुलाई को ब्रिस्टल में है। इस मैच के बाद सेमीफाइनल लाइन-अप करीब-करीब तय हो जाएगी।