एक तरफ ऑस्ट्रेलिया की टीम इस मुकाबले को जीतकर पांचवीं बार ट्रॉफी उठाने के इरादे से मैदान पर उतरेगी वहीं भारतीय टीम की नजरे पहली बार वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचने पर होगी। वैसे तो दोनों टीमों को फाइनल तक पहुंचाने में सभी खिलाड़ियों का हाथ रहा है, लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे रहे हैं जिनका योगदान अधिक रहा है। यही खिलाड़ी आज फाइनल मुकाबले में भी अपनी टीम को जिताने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। आइए इन खिलाड़ियों पर डालते हैं एक नजर-
शेफाली वर्मा
भारतीय सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा महज अभी 16 साल की है, लेकिन वर्ल्ड कप में वो जिस अंदाज में बल्लेबाजी कर रही है उसे देखकर लग रहा है कि उन्हें काफी अनुभव है। शेफाली इस वर्ल्डकप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ियों की सूची में 161 रनों के साथ चौथे स्थान पर है। शेफाली ने 40.25 की बेहतरीन औसत और 161 के स्ट्राइकरेट से इतने रन बनाए हैं। फाइनल में भी शेफाली से टीम इंडिया के फैन्स को इसी प्रदर्शन को जारी रखने की उम्मीद रहेगी।
पूनम यादव
इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली खिलाड़ियों की सूची में पूनम यादव 9 विकेट के साथ टॉप पर है। भारतीय बल्लेबाजी फेल होने के बाद पूनम यादव ने ही अपनी करिश्माई गेंदबाजी के जरिए भारत को जीत दिलाई है। चोट के बाद पूनम यादव ने सीधा वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में वापसी की। वापसी के बाद इतने बड़े टूर्नामेंट में परफॉर्म करना आसान नहीं होता, लेकिन हरमनप्रीत कौर के शब्दों ने पूनम यादव को अच्छा प्रदर्शन करने के लिये प्रेरित किया।
फाइनल से पहले पूनम ने बताया कि उदघाटन मैच में कप्तान हरमनप्रीत कौर के शब्दों ने उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने के लिये प्रेरित किया। पूनम ने कहा ‘‘जब पहले ओवर में मेरी गेंद पर छक्का लगा तो वह (हरमनप्रीत) मेरे पास आयी और उसने कहा था पूनम तुम टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ी हो और हमें तुमसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के शब्दों ने मुझे अच्छा प्रदर्शन करने के लिये उत्साहित किया। मैंने खुद से कहा कि मेरी कप्तान का मुझ पर इतना अधिक भरोसा है और मुझे वापसी करनी चाहिए। मैंने अगली गेंद पर विकेट लिया और उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।’’ आज भी पूनम से कुछ इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी।
बेथ मूनी और एलिसा हीली
ऑस्ट्रेलिया की सलामी बल्लेबाज बेथ मूनी और एलिसा हीली ने लाजवाब बल्लेबाजी से सबको काफी प्रभावित किया है। एक तरफ बेथ मूनी अपनी लाजवाब टेकनीक और सूझ-बूझ वाली बल्लेबाजी के जरिए विपक्षी टीम के गेंदबाजों को खेलती है, वहीं एलिसा हीली आक्रामक होकर टीम के लिए रन जोड़ती है। दोनों ही बल्लेबाजों का ऑस्ट्रेलियाई टीम को फाइनल तक पहुंचाने में अहम योगदान रहा है। मूनी ने जहां 5 मैचों में 181 रन बनाए हैं वहीं एलिसा के बल्ले से 5 मैचों में 161 रन निकले हैं। आज भारतीय टीम पर ये दोनों खिलाड़ी भारी पड़ सकती हैं।
मेगन शूट
ऑस्ट्रेलिया की तेज गेंदबाज मेगन शूट ने भी इस वर्ल्ड कप में पूनम यादव के बराबर 9 विकेट लिए हैं। न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका के खिलाफ आखिरी दो नॉकआउट मुकाबलों में शूट ने कुल 5 विकेट लिए हैं। साउथ अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने 17 रन देकर दो विकेट लिए थे। ये खिलाड़ी जानती है कि प्रेशर वाले मुकाबलों में किस तरह परफॉर्म करना है। भारत के लिए शूट आज परेशानी का विषय बन सकती है।