महेंद्र सिंह धोनी की गिनती भारतीय क्रिकेट के सफलतम कप्तानों में होती है। झारखंड जैसे छोटे से राज्य से आकर विश्व क्रिकेट में धाक जमाने वाले धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया तीन ICC प्रतियोगिताएं (ICC विश्व कप, ICC विश्व T20 और ICC चैंपियंस ट्रॉफ़ी) जीती हैं। धोनी ने अपनी मैच फ़िनिश करने की कला से जहां क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया, वहीं गंभीर से गंभीर स्थित में उनका शांत स्वभाव काबिल-ए-तारीफ माना जाता है।
दरअसल धोनी की कहानी किसी स्वप्नलोक की कहानी से कम नही है। टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग धोनी की सफलता के बारे में एक दिलचस्प क़िस्सा सुनाया है। इंडिया टीवी के कार्यक्रम क्रिकेट की बात में सहवाग ने बताया कि पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की वजह से ही धोनी ने सफलता हासिल की। सहवाग ने बताया कि धोनी ने 2004 में गांगुली की कप्तानी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था और एक साल के अंदर की ही उन्होंने वनडे क्रिकेट में 148 और 183 रन की बेहतरीन पारियां खेलकर सभी को अपना कायल बना लिया।
वीरु ने कहा, "उस समय हम बैटिंग ऑर्डर के साथ प्रयोग कर रहे थे। हमने तय किया था कि अगर हमारी ओपनिंग साझेदारी अच्छी होती है तो सौरव गांगुली नंबर तीन पर बैटिंग करने आएंगे लेकिन अगर ओपनिंग साझेदारी अच्छी नहीं होती तो पिंच हिटर इरफ़ान पठान या फिर धोनी को तेज़ी से रन बनाने के लिए भेजेंगे। उस समय सौरव ने तीन चार मैचों में धोनी को तीन नंबर पर बैटिंग के लिए भेजने का फ़ैसला किया। ऐसे बहुत कम कप्तान हुए हैं जो किसी खिलाड़ी के लिए अपना ओपनिंग स्पॉट छोड़ दें और फिर तीन नंबर स्पॉट धोनी के लिए कुर्बान कर दें। अगर दादा ने ऐसा न किया होता तो धोनी इतने महान खिलाड़ी नहीं बनते। गांगुली हमेशा नये खिलाड़ियों को मौक़ा देने में विश्वास करते थे।"