इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले पंत ने अपने बल्ले और विकेटकीपिंग से खूब धमाल मचया है। अपनी पहली ही सीरीज का अंत उन्होंने शतक के साथ किया। वहीं, अब वेस्टइंडीज के खिलाफ भी पहले टेस्ट में उन्होंने 91 रनों की शानदार पारी खेली। भारत के इस उभरते विकेट कीपर को अब बीसीसीआई ने एकदिवसीय टीम में भी जगह दी है।
हाल ही में बीसीसीआई ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले दो वनडे मैचों की टीम का ऐलान कर दिया है। जिसमें दिनेश कार्तिक को बाहर कर युवा ऋषभ पंत को बैकअप विकेट कीपर के तौर पर टीम में जगह दी गई है। दिनेश कार्तिक को वैसे भारत ने पूरे एशिया कप में बतौर बल्लेबाज ही खिलाया था, लेकिन वो अपने बल्ले से कमाल दिखाने में नाकामयाब रहे जिस वजह से उन्हें टीम से एक बार फिर बाहर का रास्ता दिखाया गया।
अब देखने वाली बात ये होगी कि भारतीय टीम इस युवा विकेटकीपर को किस तरह इस्तेमाल करती है। ये खिलाड़ी विकेट कीपिंग के साथ-साथ अपने बल्ले से भी धूम मचाने में माहिर है। अगर भारतीय टीम इसे बतौर बल्लेबाज टीम में जगह देती है तो पंत शायद पहले ही मैच में डेब्यू करने में कामयाब रहेंगे, लेकिन अगर टीम में पंत को बतौर विकेटकीपर ही चुना गया है तो देखने वाली बात ये भी होगी की क्या धोनी के रहते पंत अपना डेब्यू कर पाएंगे या नहीं?
टेस्ट क्रिकेट में तो पंत को साहा के चोटिल होने के बाद जगह दी गई थी जिसके बाद उन्होंने अपनी परफॉर्मेंस के बूते टीम इंडिया में अपनी जगह लगभग पक्की कर ली है, लेकिन वनडे टीम में धोनी के रहते अपनी जगह पक्की कर पाना उनके लिए काफी बड़ा चैलेंज होगा।
धोनी भारत के लिए अभी तक 327 वनडे मैच खेल चुके हैं और डीआरएस के लिहाज से भी वो भारत के लिए काफी अहम माने जाते हैं। ऐसे अनुभवी कीपर को बाहर बैठाकर टीम शायद ही पंत को मौका देगी। हालांकि ये सभी को पता है कि धोनी विश्व कप तक जरूर खेलेंगे और ऐसे में पंत को अगर टीम का हिस्सा रहना है तो उन्हें बतौर बल्लेबाज खुद को साबित करना होगा। पंत को धोनी का विकल्प कहा जा रहा है और अगर उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिलती फिर भी उन्हें धोनी से काफी कुछ सीखने को मिलेगा। जो कि पंत और भारत के लिए काफी उपयोगी साबित होगा।