टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और हेड कोच रावी शास्त्री की जोड़ी काफी शानदार है। दोनों लोग टीम इंडिया के भले के लिए अक्सर कई प्लान बनाते नजर आते रहते हैं। इतना ही नहीं कप्तान विराट कोहली अपने कोच जबकि कोच शास्त्री कोहली की तारीफ समय - समय पर करते रहते हैं। ऐसे में पिछले साल आईसीसी 2019 विश्वकप हारने के बाद जब हेड कोच शास्त्री कार्यकाल समाप्त हो रहा था तो कोहली ने आगे आकर उनका समर्थन किया था। जिसके चलते शास्त्री का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था।
इस तरह शास्त्री एंड कोहली कंपनी के अंतर्गत टीम इंडिया जहां विश्वकप तो नहीं जीत पायी लेकिन बाईलेटरल सीरीज में उसने जरूर ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। जिसमे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार उसकी सरजमीं पर जीते गई टेस्ट सीरीज सबसे ख़ास है। इस जीत को कोहली और शास्त्री ने दोनों ने लगभग विश्वकप से बड़ी जीत बताया था। इतना ही नहीं ऐसा भी माना जाता है कि शास्त्री के अंडर में ही टीम इंडिया के पास सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजी अटैक भी है। जिसके कोच भरत अरुण हैं। इस तरह कोहली और शास्त्री की जोड़ी के बारे में टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने खुलकर तारीफ की है और ये भी बताया कि क्रिकेट के मैदान में इन दोनों की जोड़ी इतनी क्यों हिट है।
नेहरा ने स्टार स्पोर्ट्स के शो 'क्रिकेट कनेक्टेड' में कहा, ''रवि शास्त्री जब भी विराट कोहली को जरूरत होती है, उनका स्पेस देते हैं। उधर विराट कोहली भी जानते हैं कि रवि शास्त्री किस किस्म के शख्स हैं और उनसे क्या काम निकाला जा सकता है।''
उन्होंने आगे कहा, ''रवि शास्त्री शानदार मोटिवेटर हैं और यह रवि भाई की ताकत है। वह आपको बहुत आत्मविश्वास देते हैं। आप कितनी भी मुश्किल में क्यों न हों, वह आपको उससे लड़ने और जीतने का हौसला देते हैं। वह आपको मुश्किल से निकलने में मदद करते हैं। विराट कोहली को भी आगे बढ़कर लीड करना पसंद हैं। दोनों की पर्सनैलिटी एक जैसी है। इसलिए यह उन दोनों के बीच बहुत अच्छा है।''
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आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ( आरसीबी ) के पूर्व गेंदबाजी कोच ने बताया कि कोहली और शास्त्री सभी चीजों पर एक-दूसरे से सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन वह हमेशा एक-दूसरे को पूउरी तरह से सुनते हैं जिससे मिलकर एक फैसले पर पहुँचने में दोनों को आसानी होती है।
नेहरा ने कहा, ''ऐसा नहीं है कि हर समय वे चीजों पर सहमत होते हैं, लेकिन कुछ चीजों को छोड़ देना चाहिए। ऐसा नहीं है कि कप्तान अंतिम निर्णय निर्माता है या कोच अंतिम निर्णय लेने वाला है। मेरे लिए यह 50-50 पार्टनरशिप है।''