15 अगस्त को 74वें स्वतंत्रता दिवस पर जहां सभी आजादी का जश्न मना रहे थे उसी शाम टीम इंडिया के पूर्व कैप्टन कूल महेंद्र सिंह होनी और उनके चेहते खिलाड़ी व दोस्त सुरेश रैना दोनों ने एक साथ संन्यास का ऐलान कर दिया था। ऐसे में सभी फैंस जहां आजादी वाले दिन भाव विभोर हो गए वहीं सबके मन में एक ही सवाल चल् रहा था कि संन्यास के लिए 15 अगस्त को क्यों चुना।
भारत के लिए 18 टेस्ट, 226 वनडे और 78 टी-20 खेलने वाले रैना ने दैनिक जागरण को दिए इंटरव्यू में कहा, "हम दोनों ने पहले से ही शनिवार को संन्यास लेने की योजना बना ली थी। धोनी की जर्सी का नंबर 7 है और मेरी जर्सी का नंबर 3, दोनों मिलाकर 73 होते हैं। शनिवार को भारत की स्वतंत्रता के 73 वर्ष पूरे हुए तो हमने सोचा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा लेने का इससे बेहतर दिन और कोई नहीं हो सकता।"
गौरलतब है कि धोनी ने 23 दिसंबर 2004 में टीम इंडिया में कदम रखा और अपने पहले मैच में वो शून्य बना रन आउट होकर चलते बने थे। हलांकि उसके बाद धोनी ने कई शानदार पारिया खेली और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। जिसके चलते वो भारत को आईसीसी की तीनो ट्रॉफी ( 2007 टी20 विश्वकप, 2011 विश्वकप और 2013 चैम्पियंस ट्राफी ) जिताने वाले एकमात्र कप्तान भी बने।
ऐसे में धोनी के बारे में रैना ने कहा, "धोनी ने 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में तो मैंने 30 जुलाई 2005 को श्रीलंका के खिलाफ दांबुला में पहला अंतरराष्ट्रीय वनडे खेला था। हम दोनों का करियर 15-16 साल का रहा। हमने लगभग एक साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरू किया। चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) में हमेशा साथ रहे तो अब संन्यास भी साथ लिया और आगे आइपीएल भी साथ खेलते रहेंगे।"
रैना ने आगे कहा, "अब हम आइपीएल खेलेंगे ताबड़तोड़ तरीके से। हर गेंद पर अब खुलकर छक्के लगेंगे।"
बता दें कि रैना और धोनी को भारतीय क्रिकेट में जय और वीरू की जोड़ी भी कहा जाता है। उन्होंने कहा मुझे पता था कि धोनी चेन्नई में संन्यास लेंने आ रहे हैं तो मैंने भी खुद को पूरी तरह से तैयार कर लिया था। इस तरह मैं सीएसके के चार्टर्ड प्लेन से 14 अगस्त को पीयूष चावला, दीपक चाहर और कर्ण शर्मा के साथ रांची पहुंचा। वहाँ हमने 15 अगस्त को संन्यास की घोषणा की और उसके बाद गले मिलकर दोनों खूब रोए। अब ये दोनों की जोड़ी आईपीएल में देखने को मिलेगी जिसका फैन्स को बेसब्री से इंतज़ार है।