दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 1 जनवरी यानि की कल से वनडे सीरीज का आगाज होने जा रहा है। भारतीय टीम का उपकप्तान रोहित शर्मा को बनाया गया है। लेकिन सवाल ये उठता है कि टेस्ट सीरीज में इतने घटिया प्रदर्शन के बाद भी रोहित को टीम के उपकप्तान की जिम्मेदारी क्यों दी गई। ये सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है कि क्या इतने खराब प्रदर्शन के बावजूद रोहित को उपकप्तान बनाया जाना सही है। आइए जानने की कोशिश करते हैं।
जर्सी बदलते ही ही आग उगलते हैं रोहित: रोहित शर्मा जैसे ही नीली रंग की जर्सी पहन लेते हैं, वैसे ही उनका बल्ला आग उगलने लगता है। भले ही रोहित टेस्ट में कुछ खास ना कर पाएं लेकिन वनडे में उनका बल्ला जरूर हल्ला बोलता है। रोहित के वनडे करियर के आंकड़ों की बात करें तो उन्होंने 174 मैचों की 168 पारियों में 45.23 के औसत से 6,424 रन बनाए हैं। इस दौरान रोहित के बल्ले से 16 शतक और 34 अर्धशतक लगाए हैं।
कप्तानी में रहे थे सुपरहिट: रोहित शर्मा ने पिछले साल श्रीलंका के खिलाफ पहली बार टीम इंडिया की कप्तानी की थी। उस सीरीज में रोहित शर्मा ने बतौर कप्तान और खिलाड़ी शानदार बल्लेबाजी की थी और जमकर रन बनाए थे। रोहित ने बतौर कप्तान अब तक 3 मैचों में 108.50 के औसत से 217 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 1 शतक भी लगाया है और उनका बेस्ट 208* रन रहा है। ऐसे में साफ है कि टेस्ट में भले ही रोहित मामूली बल्लेबाज नजर आएं लेकिन वनडे में वो बेहद ही खतरनाक बल्लेबाज हैं और इसी कारण उन्हें टीम का उपकप्तान बनाया गया है।